प्रदेश सरकार की ई-टेंडरिंग व राइट टू रिकॉल योजना के विरोध में सोमवार को बीडीपीओ कार्यालय पर जड़ा ताला
सरपंचों से बातचीत करते थाना प्रभारी कर्मजीत सिंह
गन्नौर 16 जनवरी । प्रदेश सरकार की ई-टेंडरिंग व राइट टू रिकॉल योजना के विरोध में सोमवार को बीडीपीओ कार्यालय पर ताला जड़ दिया। गन्नौर ब्लॉक के सरपंचों ने बीडीपीओ कार्यालय के कर्मियों को बाहर निकाल कर गेट पर ताला जड़ दिया। यहां पर काम करवाने पहुंचे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। गेट पर ताला लगा होने की सूचना पर गन्नौर थाना प्रभारी कर्मजीत सिंह पुलिस टीम के साथ पहुंचे। एसएचओ ने सरपंचों को शांतिपूर्वक अपनी मांग रखने की अपील की। कहा कि गेट बंद रहने से उन्हीं लोगों को परेशानी आएगी, जिन्होंने आप लोगों को सरपंच बनाया है। एसएचओ कर्मजीत सिंह की समझाने के बाद सरपंचों ने गेट का ताला खोलकर धरने पर बैठ गए। उन्होंने चेताया कि 29 जनवरी को गोहाना में होने वाली अमित शाह की रैली का भी पुरजोर विरोध किया जाएगा। सरपंच एसोसिएशन के प्रधान बहादुर सिंह(रिटायर्ड डीएसपी) ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती। तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उपप्रधान मेहर सिंह ने कहा कि सरपंचों को गांव के विकास के लिए पूर्ण अधिकार दिए जाए। यह सरकार ठेकाप्रथा को बढ़ावा दे रही है। हरियाणा में पहले ही पंचायत चुनाव करीब दो साल की देरी से हुए है और अभी तक किसी भी गांव में विकास सुचारू रूप से शुरू नहीं हुए है।
डोंगल बनाने को लेकर विरोध-
बीडीपीओ कार्यालय में सरपंचों के डोंगल बनाने को लेकर एक कंपनी कर तरफ से आया कर्मचारी प्रति सरपंच 2000 से 2500 रुपए तक ले रहा था। कुछ सरपंच अपना डोगल बनवा चुके थे, लेकिन बाद में सरपंचों ने इतने पैसे में डोंगल बनाने का विरोध किया। जिसके बाद डोगल बनाने वाला कर्मी कार्यालय से चला गया। सरपंचों का कहना था कि प्रति डोगल एक हजार रुपए ज्यादा ले रहा था।