राष्ट्रीय

देश को शॉर्ट-कट की राजनीति नहीं, स्थाई विकास चाहिए: प्रधानमंत्री मोदी

नागपुर/नई दिल्ली, 11 दिसंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कुछ राजनीतिक दलों पर निजी स्वार्थ के लिए देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने का आरोप लगाया और देशवासियों से ऐसे स्वार्थी राजनीतिक दलों और उनके नेताओं से सतर्क रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश को स्थाई विकास की आवश्यकता है न कि शॉर्ट-कट की राजनीति की। उन्होंने कहा कि शॉर्ट-कट राजनीति से देश का विकास नहीं हो सकता।

प्रधानमंत्री नागपुर में 75,000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करने के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल के अमृत महोत्सव में 75 हज़ार करोड़ रुपये के इन विकास कार्यों के लिए महाराष्ट्र की जनता को बहुत-बहुत बधाई।

उन्होंने कहा, “आज आपसे बात करते हुए, मैं महाराष्ट्र और देश के लोगों को भारत की राजनीति में आ रही एक विकृति से सावधान भी करना चाहता हूं। ये विकृति है शॉर्ट-कट की राजनीति की। ये विकृति है, राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश का पैसा लुटा देने की। ये विकृति है, करदाताओं की गाढ़ी कमाई को लुटा देने की।”

प्रधानमंत्री ने बिना किसी राजनीतिक दल या नेता का नाम लिये कहा कि शॉर्टकट अपनाने वाले ये राजनीतिक दल और नेता देश के हर करदाता के सबसे बड़े दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि इनका मकसद सिर्फ सत्ता में आना होता है, जिनका लक्ष्य झूठे वायदे करके सिर्फ सरकार हड़पना होता है। वो कभी देश नहीं बना सकते। उन्होंने कहा, “आज एक ऐसे समय में जब भारत अगले 25 वर्षों के लक्ष्यों पर काम कर रहा है, तो कुछ राजनीतिक दल, अपने निजी स्वार्थ में भारत की अर्थव्यवस्था को तबाह कर देना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि शॉर्ट-कट से कोई देश चल नहीं सकता, देश की प्रगति के लिए स्थाई विकास, स्थाई समाधान के लिए काम करना, एक लॉन्ग टर्म विजन बहुत ही जरूरी है और स्थाई विकास के मूल में इंफ्रास्ट्रक्चर होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया’ वाली कुनीति ले करके जो राजनीतिक दल चल रहे हैं, वे इस देश को भीतर से खोखला कर देंगे। दुनिया के कई देशों में हमने ऐसी कुनीति की वजह से पूरी अर्थव्यवस्था को तबाह होते देखा है। हमें मिलकर भारत को ऐसी कुनीति से बचाना है। हमें याद रखना है, एक और ‘आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया’ वाली दिशाहीन कुनीति और सिर्फ स्वार्थ है। वहीं दूसरी ओर देशहित और समर्पण भाव है, स्थाई विकास-स्थाई समाधान का प्रयास है। आज भारत के युवाओं के पास जो अवसर आया है, वो हम ऐसे ही जाने नहीं दे सकते।

मोदी ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में, हमने ‘सबका साथ, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के साथ मानसिकता और दृष्टिकोण को बदल दिया है। पिछले आठ वर्षों में बुनियादी ढांचे का विकास मानवीय स्पर्श के साथ किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में देश विकसित भारत के विराट संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक विकसित भारत सभी राज्यों की एकजुट ताकत, प्रगति और विकास के माध्यम से एक वास्तविकता बन सकता है। जब विकास के प्रति हमारा संकीर्ण दृष्टिकोण होता है, तो अवसर भी सीमित होते हैं। हम सबका साथ-सबका साथ-सबका विश्वास-सबका विकास और सबका प्रयास, पर बल दे रहे हैं।

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