राष्ट्रीय

एलोपैथी और कोरोना वैक्सीन पर बाबा रामदेव की टिप्पणी मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई टली

नई दिल्ली, 26 अगस्त। दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव की एलोपैथी और कोरोना वैक्सीन पर सवाल खड़े करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पूछा है कि क्या सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका और हाईकोर्ट में दाखिल याचिका एक ही तथ्य पर आधारित हैं। जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई टालते हुए इस मसले पर स्पष्टीकरण मांगा।

गौरतलब है कि 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने एलोपैथिक दवाइयों और वैक्सीनेशन के खिलाफ बाबा रामदेव की टिप्पणी पर नाराजगी जताई थी। चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि बाबा रामदेव को क्या हुआ है। योग को लोकप्रिय बनाने के लिए हम उनकी इज्जत करते हैं पर उन्हें इलाज के दूसरे तरीकों पर यूं सवाल नहीं उठाना चाहिए। उन्हें दूसरों की आलोचना करने से बचना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने दायर की है। याचिका में बाबा रामदेव के कोरोना वैक्सीन और एलोपैथिक दवाइयों को लेकर दिए गए बयान पर नियंत्रण लगाने का दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है। आईएमए ने याचिका में कहा है कि आयुष कंपनियां भी अपने बयानों से आम जनता को भ्रमित कर रही हैं। वे कहती हैं कि डॉक्टर एलोपैथिक दवाइयां लेते हैं लेकिन उन्हें भी कोरोना ने अपना शिकार बनाया। आईएमए ने कहा है कि इस तरह की भ्रामक बयानबाजी पर रोक लगाने की जरूरत है।

17 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी कोरोना वैक्सीन पर सवाल खड़े करने और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के वैक्सीन लेने के बावजूद कोरोना संक्रमित होने वाले बयान पर आपत्ति जताई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि ऐसे बयान से हमारे देश के दूसरे देशों से संबंध प्रभावित हो सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा था कि बाबा रामदेव के बयान से आयुर्वेद जैसे प्रतिष्ठित चिकित्सा पद्धति की छवि भी खराब होगी।

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