हरियाणा

 बीडीपीओ कार्यालय में सरपंचों की पांच मिनट की तालाबंदी, खाकी के सामने कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर निकाला, खड़े देखते रहे थाना प्रभारी व पुलिस बल

 सोनीपत
ई-टैंडरिंग व राइट टू रिकॉल योजना के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे सरपंचों ने सोमवार को तालाबंदी का रोष-प्रदर्शन पांच मिनट में सिमट कर रहा गया। तालाबंदी करने के लिए सरपंचों ने बीडीपीओ कार्यालय में (पीपीपी) परिवार पहचान पत्र व आधार कार्ड में अपडेट करवाने आए आमजन सहित कर्मचारियों को एक-एक करके कार्यालय से बाहर निकाल दिया। प्रदर्शन के दौरान थाना प्रभारी सहित खाकी के जवान खड़े होकर देखते नजर आए। मीडिया में बात आने पर पुलिस कर्मचारियों ने तालाबंदी को खुलावाया। रोष-प्रदर्शन के दौरान महिला सरपंच नदारद रही। उनके पतियों ने कार्यालय में पहुंचकर तालाबंदी प्रदर्शन में शामिल होकर रोष-प्रदर्शन किया।
बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा राइट टू रिकॉल कानून बनाया गया है। जिसके तहत किसी भी गांव में अगर सरपंच के खिलाफ 60 प्रतिशत लोग अपनी आवाज उठाते है, तो उस सरपंच को पद से हटाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त अब पंचायत अगर दो लाख से अधिक रुपए के बजट का विकास कार्य करवाती है तो उस काम को सरपंच सीधे तौर पर नहीं कर पाएगा, बल्कि उसका ई-टैंडरिंग प्रक्रिया को अमल में लाई जायेगी। सरपंच और पंच इन दोनों योजनाओं का विरोध कर रहे है। सोमवार को सोनीपत ब्लॉक के सरपंचों ने बीडीपीओ कार्यालय में तालाबंदी करके रोष-प्रदर्शन करने के लिए कहा था। लेकिन सरपंचों की तालाबंदी पांच मिनट की तालाबंदी में सिमट कर रह गई।
खाकी के सामने कार्यालय में तैनात कर्मचारी व आमजन को सरपंचों ने निकाला बाहर-
हाल के दिनों में आमजन परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में हुई त्रुटियों को लेकर कार्यालयों के चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जिला प्रशासन की तरफ से बीडीपीओ कार्यालय में त्रुटियों को ठीक करने सहित आधार कार्ड को अपडेट करवाने के लिए स्पेशल कैंप आयोजित किया है। सोमवार को कार्यालय में पहुंचे लोगों को सरपंचों की तालाबंदी का सामना करना पड़ा। सरपंचों के रोष-प्रदर्शन को लेकर पुलिस बल को तैनात किया गया था। खाकी के जवानों के सामने सरपंच त्रुटी ठीक करवाने आए लोगों व कार्यालय में डयूटी पर पहुंचे कर्मचारियों को बाहर निकालते नजर आए। पुलिस बल खड़ा होकर मामले को देखता रहा।
धरने के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति पड़ी धीमी, महिला सरपंचों की जगह पति संभाल रहे कमान-
सोनीपत ब्लाक के तहत 45 पंचायतें शामिल है। इसमें से 44 पंचायतों में चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद पंच और सरपंचों ने अपना पदभार संभाल लिया था। प्रशासन की तरफ से भी सरपंचों को चार्ज सौंप दिया गया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि अब गांव के विकास कार्य तेजी से होंगे। लेकिन अब सरपंच और पंचों ने सरकार के खिलाफ राइट-टू-कॉल व ई-टेडरिंग प्रक्रिया के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया है। जिसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्य प्रभावित हो रहे है। वहीं प्रदेश सरकार की तरफ से महिलाओं की सामाजिक संस्थाओं व पंचायतों में भागीदारी बढ़ाने के लिए महिला सरपंच के पद आरक्षित किए थे। जिसके बाद जिले मे 21 महिला सरपंच चुनकर आई। बीडीपीओ कार्यालय में राइट-टू-कॉल व ई-टेडरिंग प्रक्रिया के खिलाफ रोष-प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शन के दौरान महिला सरपंचों की जगह उनके पति पहुंच रहे है।

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