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 लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर स्कूली बच्चे देख सकेंगे भारतीय संसद

कोटा, 14 अक्टूबर। राजस्थान में कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र से सरकारी या निजी स्कूल में अध्ययनरत कक्षा-6 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को भारतीय संसद देखने का अनूठा अवसर दिया जा रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एक अनूठी पहल करते हुए “समझ संसद की” अभियान के तहत परीक्षा के माध्यम से चयनित बच्चों को भारतीय लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थान देखने का सपना सच हो सकेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा “नो यॉर कॉन्स्टीट्यूशन” आह्वान पर स्पीकर बिरला ने स्वयं पहल कर इस अनूठे अभियान की पहल कोटा से की है। इस अभियान का उद्देश्य विद्यार्थियों को देश की समृद्ध लोकतांत्रिक परम्पराओं से परिचित करवाना है। इसके अलावा उन्हें राष्ट्र निर्माण में महान नेताओं के योगदान तथा जनप्रतिनिधियों की भूमिका और संसद के कामकाज से अवगत करवाना भी है। लोकसभा की संस्था प्राइड और राजस्थान सरकार के शिक्षा विभाग के तत्वावधान में यह परीक्षा आयोजित की जायेगी। परीक्षा के लिए विद्यार्थी स्कूल में ही रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे।

दो चरणों में होगी परीक्षा-

उन्होंने बताया कि परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहला चरण 1 दिसम्बर को विश्व एकता दिवस के दिन होगा। इस चरण में सफल रहने वाले विद्यार्थी 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर राष्ट्रीय युवा दिवस पर आयोजित होगा। दूसरे चरण में सफल रहने वाले विद्यार्थी अध्ययन दौरे पर दिल्ली जाएंगे।

वेबसाइट और ऐप पर मिलेगी अध्ययन सामग्री-

परीक्षा के दोनों चरणों के लिए अध्ययन सामग्री प्राइड की वेबसाइट और डिजिटल संसद एप पर उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा स्कूल में शिक्षक भी विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी में सहयोग करेंगे। प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को संसद तथा दिल्ली के अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के दौरे के अलावा प्राइड की ओर से सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट और स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया जाएगा। सभी प्रतिभागियों को ई- पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट मिलेंगे।

तीन वर्गों में बांटे विद्यार्थी

कक्षा 6 से कक्षा 8

कक्षा 9 व 10

कक्षा 11 व 12

इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का कहना है कि आजादी के अमृत महोत्सव में भारतीय संसद हमारे लोकतंत्र का सर्वाेच्च मंदिर है। देश के विकास एवं उपलब्धियों के लिए भारतीय संसद की भूमिका सबसे अहम होती है। देश के महान नेताओं ने संविधान का निर्माण भी संसद में किया। हमारी युवा पीढ़ी जितना नजदीक से संसद और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को देखेगी, देश के नवनिर्माण में उनकी भागीदारी और अधिक होगी।

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