दिल्ली

वन महोत्सव पर राजनीति- मुख्यमंत्री और पर्यावरण मंत्री नहीं हुए शामिल

नई दिल्ली, 24 जुलाई। वन महोत्सव कार्यक्रम को लेकर एक बार फिर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी सामने आई। दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया कि उनके कार्यक्रम को जबरन हाईजैक कर प्रधानमंत्री के पोस्टर लगवाए गए हैं। वहीं भाजपा का आरोप है कि शराब से जुड़ी आबकारी नीति में फंसता देख आप पार्टी ऐसी राजनीति कर रही है।

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को अपने आवास पर प्रेस वार्ता कर कहा कि रविवार को वन महोत्सव कार्यक्रम के समापन का आखिरी दिन था। इसके लिए असोला भाटी क्षेत्र को चुना गया था। कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री, एलजी को शामिल होना था, लेकिन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि दिल्ली सरकार के पूरे आयोजन में शनिवार की रात प्रधानमंत्री ऑफिस के निर्देश पर पुलिस भेजी गई।

मंच को पुलिस ने कब्जे में लेकर तैयारी कर रहे लोगों को ना सिर्फ वहां से हटा दिया बल्कि वहां लग रहे बैनर को हटाकर प्रधानमंत्री का बैनर लगा दिया। वहां एक एलईडी भी लगायी जानी थी, लेकिन वहां एलईडी पर मोदी जी का होर्डिंग लगा दिया गया।

पर्यावरण मंत्री ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय वहां यह करके क्या संदेश देना चाहते हैं। पुलिस का काम लोगों को सुरक्षा देना है, पुलिस का काम प्रधानमंत्री का बैनर लगाना नहीं है। पुलिस ने पूरे क्षेत्र को कब्जे में लिया। कुछ देर पहले सूचना मिली कि वहां अरविंद केजरीवाल के जो होर्डिंग लग रहे थे, उन्हें हटाया जा रहा है। इतना ही नही उन्हें फाड दिया गया।

गोपाल राय ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा जानमूझकर दिल्ली सरकार को परेशान किया जा रहा है। पहले सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया गया, अब उपमुख्यमंत्री के पर फर्जी केस बना के उन्हें फंसाने की तैयारी कर रहे है। अब इस कार्यक्रम में जहां एलजी को आना था, फिर यह सब करने का क्या मतलब। इसे एक राजनीतिक कार्यक्रम बना दिया गया। इसलिए निर्णय लिया है कि मुख्यमंत्री और वो खुद इसमें नहीं जाएंगे।

गोपाल राय ने कहा कि राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली सरकार लगातार काम कर रही है। आगे भी करती रहेगी। दिल्ली का ग्रीन बेल्ट अब 23 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है, जबकि स्टैंडर्ड मानक 20 प्रतिशत है। दिल्ली सरकार ने अबतक अपने कार्यकाल में दो करोड़ 10 लाख पौधे लगाए हैं। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।

वहीं उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों के अनुसार ‘वन महोत्सव’ के अनुरूप वृक्षारोपण कार्यक्रम एलजी और सीएम द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना था। इस पर एक आपसी निर्णय 4 जुलाई को लिया गया था। कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में 1 लाख पेड़ लगाए जाने हैं, और एलजी और सीएम को आज एक साथ इसे लॉन्च करना था।

सूत्रों का कहना है कि खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए शुक्रवार को एलजी के साथ निर्धारित साप्ताहिक बैठक से अनुपस्थित रहने के बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आज फिर से खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए असोला भट्टी माइंस में वृक्षारोपण के पूर्व-निर्धारित संयुक्त कार्यक्रम को छोड़ दिया।

इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता शहजाद जय हिंद का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार शराब से जुड़ी आबकारी नीति को लेकर फंस गई है। ऐसे में पार्टी और उसके नेता मुद्दों को भटकाने की राजनीति के तहत ऐसा काम कर रहे हैं। स्वयं कार्यक्रम में पुलिस तैनाती के लिए दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा था।

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