दिल्ली

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन और ‘बोट’ ने लॉन्च किया प्रोग्राम

नई दिल्ली, 03 अगस्त। राजधानी दिल्ली के स्लम एरिया (झुग्गी) में रहने वाले बच्चे भी अब शिक्षा के साथ साथ अपनी छिपी प्रतिभा और सपनों को रूप दे सकेंगे। बुधवार को चाणक्यपुरी स्थित संजय कैंप में स्लम के इन बच्चों के लिए शहीद कालू बाल विकास केंद्र(चिल्ड्रेन्स रिसोर्स सेंटर) का उद्घाटन दिल्ली कैंट के विधायक विरेंद्र सिहं कादियान ने किया।

इस सेंटर से आसपास के स्लम एरिया में रहने वाले ढ़ाई हजार परिवार लाभान्वित होंगे। यह सेंटर शहीद कालू कुमार की याद में बनाया गया है, जो कि कभी खुद बाल मजदूर थे और उन्हें रेस्क्यू किया गया था। बाद में वह खुद अपनी तरह बाल मजदूरी में फंसे बच्चों को रेस्क्यू करने लगे थे। हालांकि एक बच्ची को रेस्क्यू करने के दौरान उनका देहांत हो गया था।

इस मौके पर मुख्य अतिथि विधायक कादियान ने कहा, ‘हम कैलाश सत्यार्थी और उनकी संस्था केएससीएफ का आभार प्रकट करते हैं कि उन्होंने इस जगह का चुनाव किया। हमें भरोसा है कि यहां स्लम में रहने वाले बच्चों को इस सेंटर से काफी मदद मिलेगी। साथ ही हमारी अपील है कि अभिभावक अपने बच्चों को इस सेंटर में भेजें ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो सके।’

चिल्ड्रेन्स रिसोर्स सेंटर की स्थापना बाल मित्र मंडल(बीएमएम) के द्वारा की गई है। बीएमएम, नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन(केएससीएफ) का एक अभिनव प्रयोग है।

बीएमएम का लक्ष्य है कि स्लम एरिया का कोई भी बच्चा बाल मजदूरी न करे, किसी भी बच्चे की ट्रैफिकिंग न हो, किसी बच्चे का बाल विवाह न हो, कोई यौन शोषण का शिकार न हो और सभी बच्चे स्कूल जाएं। साथ ही समुदाय के सभी लोग सामूहिक रूप से अपने अधिकारों की आवाज उठाएं। बच्चों के बेहतर जीवन के लिए साफ पानी, शिक्षा, सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।

अपने इन्हीं प्रयासों के तहत स्लम के बच्चों के लिए केएससीएफ ने देश की नामी कंपनी ‘बोट’ के साथ एक कार्यक्रम लांच किया, जिसका नाम है ‘मेरी आवाज सुनो’। ‘बोट’ कंपनी अपने ऑडियो व वियरेलब ब्रांड के लिए जानी जाती है। केएससीएफ पिछले चार साल से बीएमएम के जरिए दिल्ली के स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों के लिए काम कर रही है। इस प्रतिभा विकास कार्यक्रम का मकसद है कि इन बच्चों को एक ऐसा मंच उपलब्ध करवाया जाए, जहां यह अपनी प्रतिभाओं को सबके सामने ला सकें। जैसे- म्यूजिक, डांस, थिएटर और क्रिकेट।

केएससीएफ मौजूदा समय में 23,214 बच्चों को बीएमएम कार्यक्रम के जरिए उनके अधिकार दिला रहा है और उनके भविष्य को संवारने का काम कर रहा है।

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