शामलात भूमि पंचायत को देने के विरोध में पहले संासद भाटियां को सीएम के नाम दिया ज्ञापन, फिर सनौली खुर्द में 40 गांवों की हुई महांपचायत
महापंचाय में सर्वसम्मति से लिया निर्णय जल्द ही हजारों की सख्या में एकत्रित होगें किसान, आवाज को करेगें बुलंद
बापौली, 31 जुलाई: शामलात जमीन को लेकर निर्देशक वितीय रैवेन्यू व जिला उपायुक्तों को दिए गए आदेश वापिस लेने और शामलात जमीन का इंतकाल पंचायतो को ना किए जाने की मांग को लेकर यमुना नदी से सट्टे करीब 40 गांवों के गणमान्य लोगों से सांसद संजय भाटिया को मुख्यमंत्री के नाम मांगों को लेकर ज्ञापन दिया और सनौली खुर्द गांव के शिव मन्दिर में महापंचायत का आयोजन कर रणनीति तैयार की। इस दौरान उपस्थित सभी ने कहा कि जल्द ही हजारों की सख्यां में किसान एकत्रित होकर अपनी आवाज को बुलंद करने का काम करेगें। सनौली खुर्द के शिव मन्दिर में आयोजित महापंचायत 40 गांवों के सैकडों गणमान्य ग्रामीणों ने भाग लिया। इस दौरान यमुना सुधार समिति के प्रदेशाध्यक्ष अधिवक्ता रत्नसिहं रावल व भगवान परशुराम फाऊडेशन के जिला अध्यक्ष पूर्व सरंपच सुरेन्द्र शर्मा ने सयुक्त रूप से कहा कि यमुना नदी के साथ लगते गांवों की शामलात देह की जमीन में हिस्सेदार व बिस्वेदार व अमन पसंद आदमी है। जिनका मुख्य अजीवका का साधन खेती बाडी है। इन गांव की काफी जमीन यमुना के खादर मे है। कई वर्ष पहले गांव की जमीन जो किसानो की मलकीयत थी, यमुना नदी के पानी के बहाव की वजह से यमुना नदी मे बुर्द हो गई थी। जिसकी वजह से किसानो को अपनी अपनी जमीन कास्त करने से वंचित रहना पड़ा और जब जमीन यमुना पानी के बहाव दूसरी तरफ होने की वजह से दोबारा बरामद हुई तो बुर्द होने से लेकर बरामद होने के बीच के समय में उक्त जमीन का राजस्व रिकार्ड मे शामलात का इन्द्राज दर्ज हो गया, क्योकि उस समय राजस्व अधिकारी ऐसा ही कर देते थे क्योंकि मिशल बुर्दी बरामदगी बनती थी, लेकिन जब से उक्त जमीन बरामद हुई है तभी से सभी हिस्सेदारो बिस्वेदार जिनकी मलकीयत जमीन बुर्द हुई थी उस पर बतौर मालिक की हैसियत से बिना किसी दखलअंदाजी के लगातार कास्त करते चले आ रहे है इस जमीन से पंचायत या किसी अन्य का किसी तरह का कोई हक व वास्ता नही है। पंजाब लैंड रैन्नयू एक्ट तैयार करते वक्त ही प्रावधान रखा गया था कि बुर्दी बरामदगी जमीन का पंचायत से कोई वास्ता नही होगा (2जी अपवाद) यमुना नदी से सट्टे खाददर के कई गांवो में मलकीयत जमीन का नामों निशान नही है बल्कि सभी के पास शामलात जमीन है। क्योंकि उनकी पूरी जमीन यमुना में बुर्द हो गई थी। यमुना में बुर्द होने से पहले मलकीयत जमीन थी। शामलात का इन्द्राज राजस्व रिकार्ड मे बुर्द होने के बाद आया है ऐसा राजस्व रिकार्ड में भी स्पष्ट है कि यह जमीन कभी भी पंचायत में नही रही है। महापंचायत मेें उपस्थित सभी ने मांग करते हुए कहा कि पंचायत का इस जमीन से कोई वास्ता नही है। इसलिए एफ0सी0आर हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आधार मानते हुए उपायुक्त को निर्देश दिए है कि जिस जिस जमीन का राजस्व शिकर्ड में शामलात का इंद्राज है उक्त इंतकाल ग्राम पंचायत के नाम मलकीयत कर दिया जाए। को रद्द कर दिया जाए। उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश उनकी उक्त जमीन पर लागू नही होते है क्योकि उनके गांवों की उक्त जमीन किसी भी समय ग्राम पंचायत की नही रही है बल्कि यह यमुना में बुर्द होने की वजह से शामलात बनी है उनके साथ अन्याय हो रहा है क्योकि पहले उन्हेे जमीन बुर्द होने की वजह से अपनी जमीन कास्त करने से वंचित रहना पड़ा और बरामद होने से पहले उनकी मलकीयत की जमीन को शामलात बना दिया। महापंचायत में मुकेश त्यागी, पूर्व सरंपच सुखबीर रावल, पूर्व सरपंच सुरेन्द्र शर्मा, संजय त्यागी, रविन्द्र रिसपुर, ऋषिपाल त्यागी सनौली कलां, मौलवी हारून पत्थरगढ, बुबा खान,रणबीर धनसौली,पवन त्यागी, डा.रोशन नन्हेडा, मुस्तकीम, पप्पू संजौली, सुभाष झांबा, जगबीर तामशाबाद, याकूब पत्थरगढ,मांगा, अधिवक्ता राजकुमार, अधिवक्ता अशोक रावल, बलिन्द्र गोयला खुर्द, नरेन्द्र रमाल, रामरत्न तामशाबाद, दीपक नगंला पार, प्रकाश नन्हेडा, सुल्तान, सुरेन्द्र फौजी, नरसा रिसपुर सहित सेकडों आस पास के 40 गांवों के ग्रामीण मौजूद थें।
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सांसद संजय भाटिया ने की शिक्षा मंत्री कवरपाल गुर्जर से बात
सांसद संजय भाटियां को सीएम के नाम ज्ञापन देने पहुंचें किसानों ने बताया कि सांसद संजय भाटिया ने उक्त मामलें को लेकर शिक्षा मंत्री कवरपाल गुर्जर से भी फोन पर बात की। जिस पर उन्होने भी आवश्वासन दिया कि उक्त मामलें को लेकर कमेटी गठित कर सीएम से मुलाकात कर समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।