उत्तर प्रदेश

 प्रदेश में तेज गति से हो रहा गंगा और उसकी सहायक नदियों का कायाकल्प

लखनऊ, 28 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत योगी सरकार के निर्देशन में संचालित नमामि गंगे कार्यक्रम नदी कायाकल्प मॉडल तेजी से उभर रहा है। योगी सरकार द्वारा अब नमामि गंगे कार्यक्रम के दूसरे चरण (2021-2026 की अवधि के लिए) में गंगा की सहायक नदियों पर सीवरेज के बुनियादी ढांचे के निर्माण, सार्वजनिक निजी भागीदारी के प्रयासों और लोगों की भागीदारी को बढ़ाने, सर्कुलर वाटर इकॉनमी मॉडल, विकेन्द्रीकृत एसटीपी, मल-कीचड़ और सेप्टेज प्रबंधन आदि पर जोर दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में प्रदेश में गंगा नदी के प्राचीन वैभव की प्राप्ति, उनके संरक्षण और संवर्धन के लिए मिशन के रूप में नमामि गंगे की शुरुआत की गई है। योगी सरकार नमामि गंगे मिशन के माध्यम से गंगा नदी की निर्मलता और अविरलता सुनिश्चित कर उसके संरक्षण और संवर्धन की दिशा में समर्पित रूप से प्रयास कर रही है। योगी ने गंगा और उसकी सहायक नदियों के संरक्षण, संवर्धन और कायाकल्प के लिए समग्र और बहुक्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाया है।

सीएम की मॉनिटरिंग से महज चार माह में पूरी होंगी आठ परियोजनाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लगातार परियोजनाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है। यही वजह है कि प्रदेश में महज चार माह सितंबर 2022 से दिसंबर 2022 तक कुल आठ परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। इन परियोजनाओं में प्रयागराज के नैनी, फाफामऊ और झूंसी में 767.59 करोड़ रुपये की लागत से 72 एमएलडी क्षमता का निर्माण किया जा रहा है। वहीं कानपुर के पंखा में 967.23 करोड़ रुपये की लागत से 160 एमएलडी, उन्नाव में 102.2 करोड़ रुपये की लागत से 15 एमएलडी क्षमता के इंटरसेप्सन और डायवर्जन की संरचनाओं का निर्माण, उन्नाव के शुक्लागंज में 65.18 करोड़ रुपये की लागत से पांच एमएलडी क्षमता के इंटरसेप्सन और डायवर्जन, सुल्तानपुर में 70.18 करोड़ से 17 एमएलडी क्षमता के इंटरसेप्सन और डायवर्जन, बुढ़ाना में 48.76 करोड़ से 10 एमएलडी क्षमता के इंटरसेप्सन और डायवर्जन, जौनपुर में 206 करोड़ की लागत से 30 एमएलडी क्षमता के इंटरसेप्सन और डायवर्जन और बागपत में 77.36 करोड़ की लागत से 14 एमएलडी क्षमता के इंटरसेप्सन और डायवर्जन का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो की दिसंबर 2022 तक पूरी हो जाएंगी।

सीएम का प्रयास लाया रंग, केंद्र ने 55 सीवरेज परियोजनाओं को दी मंजूरी

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अनुमानित सीवेज उत्पादन 5500 एमएलडी है, जिसके एक बड़े हिस्से का ट्रीटमेंट राज्य में स्थापित 114 एसटीपी द्वारा किया जाता है जिसकी क्षमता 3539.72 एमएलडी है। इस अंतर को पाटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार के सामने कई सीवरेज परियोजनाओं का प्रस्ताव रखा था। इसी का नतीजा है कि केंद्र सरकार ने उनके प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए प्रदेश के लिए 11433.06 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 1574.24 एमएलडी क्षमता के एसटीपी के निर्माण के लिए कुल 55 सीवरेज बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी।

गंगा के जल की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लगातार मॉनीटरिंग और समय-समय पर नमामि गंगे कार्यक्रम की समीक्षा बैठक का असर पूरे देश में दिखने लगा है। प्रदेश में कन्नौज से वाराणसी तक प्रदूषित नदी के खंड में बीओडी के मामले में सुधार दर्ज किया गया है, जो वर्ष 2015 में 3.8-16.9 मिलीग्राम/लीटर हुआ करता था और अब वर्ष 2022 में 2.5-4.3 मिलीग्राम/लीटर है। पीएच- वर्ष 2014 और 2022 के दौरान सभी तुलनात्मक स्थानों ( सभी 20 स्थानों) पर स्नान के लिए पानी की गुणवत्ता के मानदंडों को पूरा पाया गया है। वहीं डीओ में 20 में से 16 स्थानों में सुधार हुआ है जबकि बीओडी में 20 में से 14 स्थानों में और एफसी में 20 में से 18 स्थानों में सुधार हुआ है।

2014 से पहले प्रयागराज में सीवरेज परियोजना नहीं हुई थी पूरी

विभागीय अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने यह माना था कि वर्ष 2014 से पहले प्रयागराज में स्वीकृत कोई भी सीवरेज इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना पूरी नहीं हुई थी। वहीं योगी सरकार में हुए महाकुंभ के दौरान गंगा नदी में डुबकी लगाने वाले 20 करोड़ से अधिक लोगों ने माना कि पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। सीएम योगी के प्रयास से शहर से उत्पन्न अतिरिक्त अपशिष्ट जल को पूरा करने के लिए एनएमसीजी द्वारा 42 16 14 एमएलडी क्षमता के तीन एसटीपीएस भी स्वीकृत किए गए थे। एनएमसीजी ने नैनी, सलोरी और राजापुर में मौजूदा एसटीपी को दुरुस्त करने के लिए एक परियोजना को भी मंजूरी दी। प्रयागराज की स्थिति को ध्यान में रखते हुए एनएमसीजी ने इन दो परियोजनाओं को हाइब्रिड वार्षिकी मोड – वन सिटी वन ऑपरेटर अवधारणा पर मंजूरी दी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker