राष्ट्रीय

अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस की पहली पसंद बना एलसीए तेजस

– एचएएल को जल्द ही मिल सकता है तेजस का पहला एक्सपोर्ट ऑर्डर

– एचएएल ने रॉयल मलेशियाई वायु सेना को आरएफआई का जवाब दिया

नई दिल्ली, 05 अगस्त। भारत में बना हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस कई देशों की पहली पसंद बनता जा रहा है। मलेशिया के बाद अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस ने तेजस को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। मलेशिया ने अपने लड़ाकू जेट कार्यक्रम के लिए चीनी जेएफ-17 के मुकाबले तेजस एमके-1ए को खरीदने का फैसला लिया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने रॉयल मलेशियाई वायु सेना को आरएफआई का जवाब भी दे दिया है। इसके बाद एचएएल को जल्द ही तेजस का पहला एक्सपोर्ट ऑर्डर मिल सकता है।

रॉयल मलेशियाई वायु सेना (आरएमएएफ) अपने लड़ाकू जेट कार्यक्रम के लिए काफी दिनों से लड़ाकू जेट खरीदने की जुगत में है। इसके लिए मलेशिया ने भारतीय एलसीए तेजस के साथ-साथ चीन-पाकिस्तान मूल के लड़ाकू विमान जेएफ-17 के बारे में भी तकनीकी जानकारी जुटाई। जेएफ-17 विमान एलसीए तेजस मार्क-1ए के मुकाबले सस्ता था, लेकिन वह तेजस के तकनीकी मापदंडों और भारत की पेशकश से मेल नहीं खा सका। भारत ने मलेशिया के जमीनी सैनिकों और वायु कर्मियों को प्रशिक्षण देने के अलावा एलसीए बेड़े के लिए पूर्ण रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल सुविधा बनाने की पेशकश की है।

रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने शुक्रवार को लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि रॉयल मलेशियाई वायु सेना ने एलसीए श्रेणी के विमानों के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को फरवरी, 2019 में अनुरोध पत्र (आरएफपी) भेजा था। मलेशिया ने एचएएल से एलसीए तेजस के बारे में तकनीकी जानकारी मांगी थी। इसके बाद एचएएल ने अक्टूबर, 2021 में रॉयल मलेशियाई वायु सेना की निविदा पर आरएफपी का जवाब दिया है।

उन्होंने संसद को बताया कि फिलहाल मलेशिया को 18 फाइटर लीड इन ट्रेनर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की प्रारंभिक आवश्यकता है। इस पर एचएएल ने एलसीए तेजस ट्विन सीटर वेरिएंट की पेशकश की है। इसके अलावा अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस ने एलसीए विमानों में रुचि दिखाई है। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई नीतिगत पहल की हैं और देश में स्वदेशी डिजाइन, विकास और रक्षा उपकरणों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए सुधार किया गया है, जिससे उनके उत्पादन का विस्तार हुआ है।

अर्जेंटीना को 12 हल्के लड़ाकू विमानों की जरूरत है, जिसके लिए अर्जेंटीना को केवल दो प्रस्ताव चीन और एचएएल से आशय पत्र मिला है। शुरुआत में माना जा रहा था कि यह भी जेएफ-17 बनाम तेजस मुकाबला बन गया है लेकिन एचएएल इस मामले को तेजी से आगे बढ़ा रहा है। एचएएल को तेजस की 50 से अधिक प्रणालियों और उप-प्रणालियों को बदलने की आवश्यकता होगी, जो यूके की फर्मों जैसे बीएई सिस्टम्स, कोबम और मार्टिन-बेकर द्वारा आपूर्ति की जाती हैं। एचएएल विमानों की लागत पर काम कर रहा है और नवंबर के अंत तक अर्जेंटीना के लिए विमान के दाम फाइनल होने की उम्मीद है।

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