अखिल भारतीय साहित्य परिषद स्थापना दिवस पर चार पुस्तक का विमोचन
सहरसा,22 अगस्त। अखिल भारतीय साहित्य परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार झा”अवध की अध्यक्षता में स्थापना दिवस समारोह तथा आजादी का महोत्सव अभिनव सिलेव्रेशन विवाह भवन में 21 अगस्त को मनाया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया।दीप प्रज्वलन बी एड कालेज के पूर्व प्राचार्य राणा जयराम सिंह,अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रान्तीय मंत्री डॉ जनार्दन यादव, रमेश झा महिला कालेज के भूतपूर्व प्राचार्या डाॅक्टर रेणु सिंह,पूर्व प्राचार्य के एस ओझा तथा परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार झा”अवध द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में अवधेश झा अवध ने कहा आजादी के महोत्सव पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद के द्वारा भारत के वास्तविक इतिहास का लेखन किया जा रहा है।जिसमें लोक भाषा, लोक देवता,एवं लोक यात्रा पर भारत के कोने कोने से साहित्यकारों द्वारा आलेख प्रस्तुत किया जा रहा है।जिसका संकलन भी प्रकाशित की जा रही है।साथ ही राष्ट्रवादी विचारधारा के सभी साहित्यकारों को राष्ट्रोत्थान के लिए मिलकर काम करना होगा।
डॉ के एस ओझा ने कहा साहित्य परिषद द्वारा विगत 25 वर्ष से साहित्यिक गतिविधि की जाती है।इसलिए सहरसा इकाई ने राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बना ली है।प्राचार्या डाॅक्टर रेणु सिंह ने कहा भारत के आजादी के75 साल हो गए हैं फिर भी कुछ मामले में साहित्य को बढ़ाना होगा तथा साहित्य परिषद द्वारा अच्छाई एवं बुराई दोनो पहलु पर मंथन करने की जरूरत है।आर एम कालेज के प्रोफेसर डाॅ विनय कुमार चौधरी ने अपनी सात पुस्तक परिषद को समर्पित करते हुए कहा अखिल भारतीय साहित्य परिषद सहरसा इकाई का सराहनीय प्रयास साहित्य के क्षेत्र में हो रहा है,जो प्रशंसनीय है।
बिहार प्रन्तीय महामंत्री मंत्री डॉक्टर जनार्दन यादव ने कहा-अखिल भारतीय साहित्य परिषद की सहरसा इकाई प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक साहित्यिक गतिविधि एवं विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है।परिषद के वरीय उपाध्यक्ष श्यामानन्द लाल दास सहर्ष ने कहा साहित्य ही मानव को मानवोचित गुणों से संस्कारित करता है।उसमें अतीत के गौरव को चिरन्तर बनाए रखने की क्षमता है।अखिल भारतीय साहित्य परिषद इस सामर्थ्य को पुनः प्रतिष्ठित करने का काम निरन्तर कर रही है।इस अवसर पर सभी साहित्यकारो को अंग वस्त्र माला तथा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।