हरियाणा

गुरुग्राम में वर्ष 2050 तक कार्बन उत्सर्जन जीरो करने का रखा लक्ष्य

Target set zero carbon emissions 2050 in Gurugram

-जीएमडीए बना रहा एक्शन प्लान

-गुरुग्राम में लक्ष्य प्राप्ति को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

-कार्बन उत्सर्जन नगण्य करने के लिए सभी को मिलकर करने होंगे प्रयास

-हर नागरिक अपने तरीके से पर्यावरण संरक्षण में करे सहयोग

गुरुग्राम, 06 जून । जिले में सन्-2050 तक नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक्शन प्लान बनाई जाएगी। यह कार्य गुुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) द्वारा मार्च-2023 तक किया जाएगा, जिसमें द सेलेशियल अर्थ और शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन तकनीकी सहयोग देंगे। यह घोषणा सोमवार को गुरुग्राम में सन्-2050 तक नेट जीरो गुरुग्राम के लिए क्लाइमेट एक्शन प्लान पर आयोजित सिटी लेवल वर्कशॉप में की गई।

इस वर्कशाप में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन पी. राघवेंद्र ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण संबंधी चुनौतियों को समझने से पहले हमें मनुष्य, लाइफ स्टाइल तथा पर्यावरण में आपस में क्या संबंध है, इसे समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि धरती पर केवल मनुष्यों का ही हक नहीं है, अन्य जीव जंतुओं का भी बराबर अधिकार है। जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कार्बन उत्सर्जन के स्तर को कम करने या जीरो करने के लिए हर व्यक्ति को अपने तरीके से योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हम सभी की सामुहिक जिम्मेदारी है। हमें क्लीन एंड ग्रीन लाइफ स्टाइल अपनाना चाहिए। उन्होंने पौधारोपण के महत्व के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि हम सांस लेते हैं तो कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ते हैं और पेड़-पौधे कार्बन डाईऑक्साइड को सोखकर अपना भोजन बनाते हैं, परिणामस्वरूप उन पर फल व फूल लगते हैं। श्री राव ने यह भी कहा कि फोसिल फ्यूल अर्थात् जीवाश्म ईंधन का प्रयोग कम करते हुए अक्षय उर्जा का प्रयोग बढ़ाएं, जोकि प्रकृति में कार्बन उत्सर्जन कम करने में सहायक होगा। इसी प्रकार जमीन में भूजल स्तर लगातार नीचे जाता जा रहा है और पानी की प्रति व्यक्ति खपत बढ़ गई है। इसलिए अब हमें सिवरेज के ट्रीटेड पानी का पुन: उपयोग करने के बारे में सोचना जरूरी है।

कार्बन फुटप्रिंट जीरो करने को तैयार कर रहे योजना: सुभाष यादव

जीएमडीए से एडिश्नल सीईओ सुभाष यादव ने कहा कि कार्बन फुटप्रिंट जीरो करने के लिए जीएमडीए द्वारा कार्य योजना तैयार की जा रही है, जिसमें दोनों एजेंसियों द्वारा सहयोग किया जाएगा। ये दोनों संस्थाएं गुरुग्राम में कार्बन उत्सर्जन का अध्ययन करके उसे नगण्य करने के उपायों के सुझाव देते हुए रिपोर्ट देंगी। श्री यादव ने जीएमडीए द्वारा पर्यावरण सुधार की दिशा में किए जा रहे कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि जीएमडीए की अधीन आने वाले क्षेत्र में वर्ष-2041 तक की अनुमानत जनसंख्या और पर्यावरण की संभावित स्थिति को ध्यान में रखते हुए एन्वायमेंट प्लान तैयार किया जा रहा है, जबकि संपूर्ण गुरुग्राम जिला के लिए डिस्ट्रिक्ट एन्वायरमेंट प्लान तैयार कर लिया गया है।

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