राष्ट्रीय

चीन-पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाके पर्यटन के लिहाज से होंगे विकसित

– सीमावर्ती सड़कों के किनारे ‘बीआरओ कैफे’ खोले जाने को रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी

– सरकार के इस फैसले से हिमालयी इलाकों के स्थानीय लोगों के लिए रोजगार पैदा होंगे

नई दिल्ली, 22 जून। अब चीन और पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जा रहा है। पर्यटक अपने परिवार के साथ जाकर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थलों का मजा ले सकते हैं। यहां वाहन पार्किंग, फूड प्लाजा, रेस्त्रां, महिलाओं, पुरुषों व दिव्यांगों के लिए अलग-अलग प्रसाधन सुविधा भी मिलेगी। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को चीन और पाकिस्तान की सीमावर्ती सड़कों के किनारे ‘बीआरओ कैफे’ स्थापित करने को मंजूरी दे दी है।

देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 75 सीमावर्ती सड़कों पर कैफे खोले जाने का मकसद पर्यटकों को बुनियादी सुविधाओं के साथ ही सीमावर्ती इलाकों में आर्थिक गतिविधियों को गति देना है। सरकार के इस फैसले से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार भी पैदा होंगे। इस योजना के तहत एजेंसियों के साथ मिलकर सार्वजनिक-निजी भागीदारी में सड़क किनारे सुविधाएं विकसित तथा संचालित की जायेंगी। एजेंसियों को इसके लिए लाइसेंस दिया जायेगा जो बीआरओ के दिशा-निर्देश में इन सुविधाओं की डिजाइन, निर्माण और संचालन करेंगी। इन स्थानों पर आसानी से पहुंचना कठिन होता है लेकिन यह कदम इन क्षेत्रों के प्रमुख पर्यटन सर्किटों को चिह्नित करने के बाद उठाया जा रहा है।

सुविधाओं में दोपहिया और चार पहिया वाहनों की पार्किंग, फूड प्लाजा, रेस्त्रां, महिलाओं, पुरुषों व दिव्यांगों के लिए अलग-अलग प्रसाधन सुविधा, फर्स्ट-एड सुविधा आदि का प्रस्ताव किया गया है। प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के जरिये लाइसेंस देने का कार्य पूरा किया जायेगा। समझौते की अवधि 15 वर्ष होगी और उसे पांच वर्ष की अवधि तक बढ़ाया जा सकता है। बीआरओ दूर-दराज के सीमावर्ती इलाकों की सामरिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उत्तरी और पूर्वी सीमाओं में सामाजिक-आर्थिक उन्नति की दिशा में भी काम कर रहा है। इसीलिए प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थलों पर पर्यटकों की तादाद बढ़ी है।

दरअसल, ये सीमावर्ती सड़कें दूर-दराज में हैं जहां व्यापारिक विकास होना मुश्किल है। बीआरओ वहां पहले से कार्यरत है, इसलिए इन दूर-दराज के इलाकों में ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का बीड़ा खुद उठाया है। अरुणाचल प्रदेश में डोपोरिजो, बामे, कोलोरियांग, पासीघाट, मेनचुका, मोइंग, थुमबिन, इनकियोंग, टिप्पी, दुर्गा मंदिर, किलोमीटर (केएम) 79, टेंगा, रामा कैंप, सेला टॉप, तवांग, जेंगथू, हायूलियांग, वाकरो और चांगविंटी में बीआरओ कैफे खोले जाने की योजना है। असम में तेजपुर टाउन, बीपी टेनाली, हिमाचल प्रदेश में केएम 8.5, केएम .5, केएम 11.8, सिसू, मनाली, खारो, सुमडो में कैफे खोले जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में टीपी, त्रागबल, हुसैनगांव, केएम 95, केएम 117.90, केएम 58, गलहार, सियोट, बाथुनी, बुधहाल, कपोठा और सुरनकोट में कैफे खुलेंगे।

इसके अलावा लद्दाख के माटियान, कारगिल, मुलबक, खालत्से, लेह, हुंदर, चोगलामसार, रुमत्से, डेबिरंग, पांग, सारछू, अगहम, न्योमा, हानले में, मणिपुर के केएम 0 में, नगालैंड के जखमा में, पंजाब के फजिल्का में, राजस्थान के तनोट, केएम 44.40, साधूवाली गांव, बिर्धवाल, अर्जनसार में ‘बीआरओ कैफे’ खुलेंगे। सिक्किम के कुपुप में, उत्तराखंड के डारकोट, केएम 61, केएम 57.44, भैरों घाटी, बिराही, ग्वालधाम, पांडुकेश्वर, मनेरा बाईपास, नागनी, कमंड, माजरी घाट में, पश्चिम बंगाल के मल्ली में कैफे खोले जाने की योजना है।

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