बिहार

ऐतिहासिक बहुमूल्य पांडुलिपियों का खजाना श्री कृष्ण सेवा सदन : आयुक्त

मुंगेर, 15 अक्टूबर 2022 । मुंगेर प्रमंडलीय आयुक्त दया निधान पांडेय प्रतिभागी छात्रों की शिकायत पर श्री कृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय मुंगेर पहुंचे और पुस्तकालय का भ्रमण कर जायजा लिया। आयुक्त ने पांडुलिपियों एवं किताबों का अवलोकन किया एवं उनके संबंध में जानकारी ली। प्रथम एवं द्वितीय तल्ले के प्रत्येक कमरों में वे गये और वहाँ की व्यवस्था को नजदीक से देखा। पुस्तकालय में रखे गये इन पुस्तकों एवं पांडुलिपियों को देखकर उन्होंने कहा कि मुंगेर का ऐतिहासिक धरोहर व पांडुलिपियों का खजाना एवं समृद्ध पुस्तकालय की प्रशंसा करते हुए मुंगेर के इस धरोहर के संबंध में अधिक से अधिक आमजन को अवगत कराने को लेकर डीपीआरओ को समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचारित करने का निर्देश दिया।

आयुक्त को बताया गया कि बिहार के प्रमुख पुस्तकालयों में श्री कृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय का अतीत गौरवशाली रहा है। बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह के नाम पर स्थापित किया गया पुस्तकालय का शिलान्यास 21 अक्टूबर 1947 को तत्कालीन राज्यपाल जयराम दास दौलतराम ने किया था और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा 31 अक्टूबर 1953 को श्री कृष्ण सेवा सदन पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया।

14 नवम्बर 1966 को बिहार सरकार द्वारा इसे अनुबंधित कर दिया गया। बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ० श्री कृष्ण ने अपने अभिनंदन में इस पुस्तकालय को 18 हजार 111 पुस्तकें एवं 150 अलमीरा दी थी। अभी यहाँ 50 हजार से अधिक पुस्तके एवं 200 हस्तलिखित दुर्लभ पांडुलिपियां मौजूद है। बताया गया कि दो मंजिले सेवा सदन पुस्तकालय के भूतल पर बड़ा सा हॉलनुमा वाचनालय है, जहां लोग पेपर, मैंगजिन किताबें आदि पढ़ने आते हैं। वही प्रथम तल पर हॉल है जहां साहित्यिक सांस्कृतिक एवं राजनीतिक गोष्ठियां होती रहती है।

आयुक्त ने इस पुस्तकालय के अवलोकन के उपरांत उपस्थित विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों एवं पाठकों से बातचीत की, उनकी समस्याओं को सुना। बताया गया कि यहाँ का फर्नीचर काफी पुराना हो गया एवं कमी है। पढ़ने हेतु बैठने के लिए नये फर्नीचर की आवश्यकता है। पढ़ने के लिए सीमित हॉल, कमरे है। पेयजल, शौचालय, प्रकाश व्यवस्था, पंखे की मूलभूत समस्याओं केसंबंध में आयुक्त को जानकारी दी गयी। सीमित समाचार पत्र एवं पत्रिका उपलब्ध रहने की स्थिति में अधिक से अधिक समाचार पत्रों, प्रतियोगिता एवं अन्य समसामायिक ज्ञानवर्धक पत्रिकाओं को उपलब्ध कराने का भी अनुरोध किया। समय पर पुस्तकालय खोलने तथा बंद करने के समय अवधि को बढ़ाने के लिए भी अनुरोध किया गया।

जिला शिक्षा पदाधिकारी को आयुक्त ने निर्देश दिया कि पुस्तकालय संचालन समिति के माध्यम से विज्ञान, कम्प्यूटर, अद्यतन जानकारी से संबंधित पुस्तकों को भी पुस्तकालय में क्रय कर समावेशित कराये ताकि यहाँ आने वाले पाठकों को सभी प्रकार की पुस्तकों के माध्यम से अधिक से अधिक जानकारी एवं ज्ञान प्राप्त हो सकेगा।

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