राष्ट्रीय

सांसद संकल्प लें कि वे वेंकैया जी की अपेक्षाओं को पूरा करेंगे: प्रधानमंत्री

‘लोकसभा और राज्यसभा प्रत्येक वर्ष जारी करे नए शब्दों का संग्रह’

नई दिल्ली, 08 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के सांसद, मंत्री और बाद में राज्यसभा के सभापति रहते हुए किए गए कार्यों की प्रशंसा की और सांसदों से संकल्प लेने का आग्रह किया कि वे उनकी अपेक्षाओं को पूरा करेंगे।

प्रधानमंत्री ने आज संसद पुस्तकालय भवन के जी.एम.सी. बालयोगी सभागार में आयोजित विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वेंकैया जी पहले ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जो राज्यसभा में पक्ष और विपक्ष दोनों जगह रहे। वे संसदीय कार्य मंत्री भी रहे। इसका लाभ उन्हें सदन के सभापति बनने पर भी मिला और उन्होंने सदन को अधिक सक्षम बनाया तथा सांसदों से उनका श्रेष्ठ हासिल करने का प्रयास किया। उन्होंने संसदीय समितियों से उनके कार्यों में ‘वैल्यू एडिशन’ करने पर जोर दिया और इस बात की चिंता करते हुए सुधार लाने के प्रयास किए।

प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति के मातृभाषा के लगाव का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के उप सभापति से आग्रह किया कि प्रत्येक वर्ष मातृभाषा से प्राप्त नए और सार्थक शब्दों का संग्रह जारी किया जाए। उन्होंने इस दौरान ‘भाषिनी’ नाम के टूल का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में नए शब्द डिक्शनरी में जोड़ने की एक परंपरा रही है। इसी के दृष्टिगत हमें भी विभिन्न भारतीय भाषाओं में प्राप्त नए शब्दों का संग्रह करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान उपराष्ट्रपति के व्यक्तिगत गुणों का जिक्र किया और कहा कि उनका ध्यान सदैव समय का सदुपयोग करने में रहा है। कोरोना काल में भी उन्होंने टैली यात्रा की और अपने पुराने साथियों से निरंतर संपर्क में रहे। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई की सरकार के दौरान वह चाहते थे कि उन्हें ग्रामीण विकास का मंत्रालय का कार्यभार मिले। उन्हें यह कार्य मिला भी और उन्होंने उसे बखूबी निभाया। उनके पास ग्रामीण और शहरी विकास दोनों मंत्रालयों में काम करने का अनुभव रहा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को विदाई देना संभव नहीं है। उन्हें आने वाले समय में किसी न किसी काम के लिए निरंतर फोन आते रहेंगे। उनका अनुभव हमें काम आता रहेगा। इस दौरान उन्होंने उपराष्ट्रपति बनाए जाते समय उनकी पीड़ा का भी उल्लेख किया। उस समय उन्होंने कहा था कि उपराष्ट्रपति बनने के लिए उन्हें अब पार्टी से इस्तीफा देना पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन 5 वर्षों की कमी व आगे पूरा कर सकते हैं और कार्यकर्ताओं को प्रेरित और प्रोत्साहित कर सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त होने जा रहा है। जगदीप धनखड़ नए उपराष्ट्रपति निर्वाचित हो चुके हैं।

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