राष्ट्रीय

आईटीआर रेंज से नौसेना ने दागी वर्टिकली लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल

– भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर तैनाती से पहले कुछ और परीक्षण किए जाएंगे

– कम ऊंचाई पर उड़ने वाले दुश्मन के जहाज या मिसाइल को मार गिराने में सक्षम

नई दिल्ली, 23 अगस्त। भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारतीय नौसेना के युद्धपोत से मंगलवार को ऐसी मिसाइल दागी है जो दुश्मन के किसी भी हवाई हमले को नेस्तनाबूत कर सकती है। इसकी गति, सटीकता और मारक क्षमता इतनी घातक है कि ये राडार की भी पकड़ नहीं आती। ओडिशा तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से दागी गई इस मिसाइल का नाम वर्टिकल लॉन्च-शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) है।

भारतीय नौसेना ने परीक्षण के दौरान कम ऊंचाई पर उड़ रहे टारगेट को सतह से हवा में मार करने वाली ताकतवर गाइडेड मिसाइल वीएल-एसआरएसएएम से मार गिराया। कम ऊंचाई पर उड़ने वाले टारगेट का मतलब राडार को चकमा देकर आ रहा दुश्मन का विमान, ड्रोन, मिसाइल या हेलीकॉप्टर होता है। यानी भारत को अब दुश्मन इस तरीके से भी चकमा नहीं दे सकता, वर्ना भारतीय की यह मिसाइल दुश्मन की धज्जियां उड़ा देगी।

डीआरडीओ के अनुसार परीक्षण के दौरान उड़ान मार्ग और वाहन के प्रदर्शन मापदंडों की निगरानी उड़ान डेटा का उपयोग किया गया। परीक्षण के लिए विभिन्न रेंज उपकरणों रडार, ईओटीएस और टेलीमेट्री सिस्टम को आईटीआर, चांदीपुर ने तैनात किया गया था। डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी प्रक्षेपण की निगरानी की। भारतीय नौसेना के जहाजों पर तैनाती से पहले कुछ और परीक्षण किए जाएंगे। एक बार तैनात होने के बाद यह प्रणाली भारतीय नौसेना के लिए बहु उपयोगी साबित होगी।

भारतीय नौसेना ने फिलहाल वीएल-एसआरएसएएम मिसाइल को कोई नाम नहीं दिया है। इसे बराक-1 की जगह जंगी जहाजों में लगाए जाने की योजना है। यह मिसाइल 154 किलोग्राम वजनी है। इसे डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने मिलकर बनाया है। यह मिसाइल करीब 12.6 फीट लंबी है। इसका व्यास 7.0 इंच है। इसमें हाई-एक्सप्लोसिव प्री-फ्रैगमेंटेड वॉरहेड लगाया जाता है। यह कम ऊंचाई पर उड़ने वाले दुश्मन के जहाज या मिसाइल को मार गिरा सकती है।

वीएल-एसआरएसएएम मिसाइल की रेंज 25 से 30 किलोमीटर है। यह अधिकतम 12 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है। इसकी गति बराक-1 से दोगुनी है। यह मैक 4.5 यानी 5556.6 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ती है। इसे किसी भी जंगी जहाज से दागा जा सकता है। इस मिसाइल की तैनाती इसी साल होनी संभावित है। इस मिसाइल की खासियत ये है कि ये 360 डिग्री में घूमकर अपने दुश्मन को खत्म करके ही मानती है।

इस मिसाइल की टेस्टिंग इसलिए की जा रही है ताकि भारतीय युद्धपोतों से बराक-1 मिसाइलों को हटाकर स्वदेशी हथियार लगाया जा सके। बराक-1 मिसाइल इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स ने मिलकर बनाई है। इस मिसाइल का वजन 98 किलोग्राम होता है। बराक-1 सरफेस-टू-एयर-मिसाइल 6.9 फीट लंबी होती है। इसका व्यास 6.7 इंच होता है। इसकी खासियत ये है कि इसकी नाक में यानी सबसे ऊपरी नुकीले हिस्से में 22 किलोग्राम वॉरहेड रखा जा सकता है।

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