राष्ट्रीय

भारत की समुद्री सेना 2047 तक स्वदेशी हथियारों से लैस होकर ‘आत्मनिर्भर’ बनेगी

नई दिल्ली, 03 दिसंबर। एडमिरल आर हरि कुमार ने नौसेना दिवस से एक दिन पहले शनिवार को सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘आत्मनिर्भरता’ पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय नौसेना 2047 तक पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएगी। नौसेना के पास विभिन्न लड़ाकू प्लेटफ़ॉर्म, हथियार, जहाज, पनडुब्बियां, टोही विमान स्वदेश निर्मित होंगे।

नौसेनाध्यक्ष ने कहा कि देश का पहला स्वदेशी विमानवाहक आईएनएस विक्रांत हमारी स्वदेशी क्षमता का प्रतीक है और यह हमारे आत्मविश्वास को दर्शाता है। मुझे यकीन है कि विक्रांत आने वाले वर्षों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गर्व से तिरंगा फहराएगा।

उन्होंने कहा कि भारत हिंद महासागर के सभी घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रख रहा है, जिसमें चीनी नौसेना के जहाजों की आवाजाही भी शामिल है। हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में बहुत सारे चीनी जहाज काम करते हैं। इस समय चीनी नौसेना के लगभग 4 से 6 जहाज और कुछ शोध पोत हिंद महासागर में हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में मछली पकड़ने के चीनी जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में संचालित होते हैं। उन्होंने बताया कि हिंद महासागर क्षेत्र में लगभग 60 अन्य अतिरिक्त क्षेत्रीय बल हमेशा मौजूद रहते हैं। हम सभी घटनाक्रमों पर पैनी नजर रखते हैं।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि हम जानते हैं कि यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां बड़ी मात्रा में व्यापार होता है। विभिन्न देशों के जहाजों की आवाजाही के बीच हमारा काम समुद्री क्षेत्र में भारत के हितों की रक्षा करना है। हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी जासूसी जहाजों को देखे जाने के बाद नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नौसेना उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि भरोसेमंद जवाबदेही बनाए रखना किसी भी सशस्त्र बल, विशेष रूप से नौसेना का काम है। इसे हासिल करने के लिए हमें बहुत कम समय में तैयार रहने की आवश्यकता है।

एडमिरल आर हरि कुमार ने रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी हाल की वैश्विक घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों के लिए दुनिया पर निर्भर नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि सरकार ने नौसेना को आत्मनिर्भर भारत पर बहुत स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं। शीर्ष नेतृत्व के लिए नौसेना की प्रतिबद्धताओं में से एक यह है कि हम 2047 तक एक आत्मनिर्भर नौसेना बन जाएंगे। उन्होंने आईएनएस विक्रांत के नौसेना बेड़े में शामिल होने को देश और नौसेना के इतिहास में ऐतिहासिक घटना करार दिया है। बहुत कम देश ऐसे हैं, जिनके पास विमानवाहक पोत बनाने की क्षमता है और हम उन चुनिंदा देशों में शामिल हैं।

नौसेना अध्यक्ष ने बताया कि अग्निपथ स्कीम के तहत पहले बैच में 3000 अग्निवीर नौसेना में शामिल हुए हैं, जिसमें 341 महिलाएं हैं। अभी तक केवल सात से आठ ब्रांचों तक ही महिलाएं सीमित हैं लेकिन अब हम महिला अधिकारियों को सभी ब्रांचों में शामिल करने पर विचार कर रहे हैं। महिलाओं को जहाजों, एयरबेसों और विमानों पर तैनात किया जाएगा। उन्हें हर चीज के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, उनके प्रशिक्षण में कोई अंतर नहीं आने वाला है। नौसेना अध्यक्ष ने कहा कि यह पहली बार है, जब महिलाओं को उनके पुरुष समकक्षों की तरह ही शामिल किया जा रहा है। महिलाओं और पुरुषों के चयन का तरीका एक समान है और वे समान परीक्षणों से गुजर रही हैं।

नौसेना अध्यक्ष से जब चीनी ड्रोन की गतिविधियों के जवाब में भारत की तैयारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अमेरिका से तीन बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की लागत से 30 एमक्यू-9बी प्रिडेटर ड्रोन खरीदने की प्रक्रिया लंबित है। यह वही प्रिडेटर ड्रोन है, जिनके माध्यम से हेलफायर मिसाइल को लॉन्च करके अलकायदा के आतंकी अल-जवाहिरी का खात्मा किया गया था। हिंद महासागर में चीन की निगरानी के लिए लंबित प्रस्ताव के तहत भारतीय सेना की तीनों विंग को 10-10 ड्रोन मिलने की संभावना है। भारतीय नौसेना ने पिछले एक साल में कई उपलब्धियां और क्षमताएं क्षमता हासिल की हैं, इसलिए समुद्री सुरक्षा की अहमियत पर अधिक बल दिया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker