राष्ट्र संत शकाहार प्रर्वधक महायोगी गुप्ति सागर मुनिराज के 45 वें मंगलमय चातुर्मास के अवसर पर कलश स्थापना 17 को
-कलश स्थापना को लेकर जीटी रोड़ स्थित गुप्ति धाम में तैयारियां जोरों पर
गुप्ति धाम को कलश स्थापना के लिए किया जा रहा तैयार
गन्नौर। राष्ट्रसंत शकाहार प्रर्वधक महायोगी गुप्ति सागर मुनिराज का 45 वां चातुर्मास गन्नौर गुप्ति धाम में मनाया जाएगा। गुप्ति सागर महाराज के प्रवचनों की रसधारा प्रवाहित करते हुए बताया कि अमृत वर्षा से ही त्रिताप से बचने का एक मात्र उपाय हैं। मनुष्य को सुखी जीवन के लिए संतों के शरण में जाकर ही कल्याण संभव है। मनुष्य जीवन प्राप्त करने के लिए कई योनि में भटकने के बाद यह शरीर प्राप्त होता है। यह शरीर अनमोल है। बड़ी तपस्या के बाद यह शरीर मिलता है। जैन ने क्षेत्र के लोगों से अपील की कि वे चातुर्मास के दौरान गुप्ति सागर धाम में चहुंचकर महारज जी के प्रवचनों का अमूतपान करके अपने जन्म को सुधार सकते है। मुनिराज ने कहा कि धर्म चर्चा से हमारी आत्मा पवित्र हो जाती है। इसलिए धर्म में समर्पित धन सेवा के रुप में लगाए तो मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है उन्होनें कहा कि गुरु चरणों में सफलता की राह मिलती हे। जिन पर गुरु का परम सांनिध्य होता है वे जीवन में कामयाबी की डगर पर अग्रसर होते हैं। संतों का शाश्वत सत्य का संदेश मानव जीवन को सुखद और समृद्ध बनाता है।