राष्ट्रीय

अंतरराष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन में भारत-प्रशांत समुद्री क्षेत्र पर चर्चा करेंगे पैनलिस्ट

– इंडो-पैसिफिक में उत्पन्न होने वाले अवसरों और चुनौतियों की होगी समीक्षा

– इस बार ‘इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव’ विषय पर होगी व्यापक चर्चा

नई दिल्ली, 22 नवम्बर भारतीय नौसेना और नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन भारत-प्रशांत के समुद्री क्षेत्र को प्रभावित करने वाले भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा करने के लिए 23-25 नवम्बर को शीर्ष स्तरीय ‘भारत-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद’ अंतरराष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन करेंगे। इसका मकसद क्षेत्रीय रूप से प्रासंगिक समुद्री मुद्दों पर विचार-विमर्श को बढ़ावा देना है। इस वार्षिक संवाद के माध्यम से इंडो-पैसिफिक के भीतर उत्पन्न होने वाले अवसरों और चुनौतियों की समीक्षा करना है।

नौसेना कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक ‘भारत-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद’ भारतीय नौसेना का एक शीर्ष स्तरीय अंतरराष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन है। नेशनल मैरीटाइम फाउंडेशन नेवी का नॉलेज पार्टनर और इवेंट के प्रत्येक संस्करण का मुख्य आयोजक है। इसके पहले दो संस्करण 2018 और 2019 में नई दिल्ली में आयोजित किए गए थे। 2020 को कोरोना महामारी की वजह से इसे रद्द कर दिया गया था। ‘भारत-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद’ का तीसरा संस्करण 2021 में ऑनलाइन मोड में आयोजित किया गया था। इस संवाद के प्रत्येक संस्करण का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक के भीतर उत्पन्न होने वाले अवसरों और चुनौतियों दोनों की समीक्षा करना है।

‘भारत-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद’ का चौथा संस्करण 23 से 25 नवंबर तक दिल्ली में होना है। इस बार का विषय ‘इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव’ (आईपीओआई) है, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 04 नवंबर, 2019 को 14वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) में बैंकॉक में व्यक्त किया था। आईपीओआई क्षेत्रीय सहयोग के लिए सात परस्पर जुड़े स्तंभों पर केंद्रित है, जिसमें समुद्री सुरक्षा, समुद्री पारिस्थितिकी, समुद्री संसाधन, आपदा जोखिम कटौती और प्रबंधन, व्यापार-कनेक्टिविटी और समुद्री परिवहन, क्षमता निर्माण और संसाधन साझाकरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शैक्षणिक सहयोग है।

सरकार की प्रमुख समुद्री सुरक्षा एजेंसी होने के नाते भारतीय नौसेना आईपीओआई के सात स्तंभों में से प्रत्येक में शामिल है। इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग के इस संस्करण में ‘समुद्री सुरक्षा’ के उन मुद्दों पर चर्चा की जानी है, जिन पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। तीन दिनों में छह पेशेवर सत्रों के माध्यम से विश्व स्तर के पैनलिस्ट समुद्री क्षेत्र की स्थितियों का पता लगाएंगे। उद्घाटन सत्र और मार्गदर्शन सत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट भी शामिल होंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker