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केवीएस ने हाई कोर्ट को बताया- कक्षा एक में दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 13 अप्रैल तक बढ़ाई गई

नई दिल्ली

केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) ने कक्षा एक में दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख बढ़ाकर अब 13 अप्रैल कर दी है। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इस बात की जानकारी दिल्ली हाई कोर्ट को दी। इस मामले पर अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी।

केंद्रीय विद्यालय में कक्षा एक में दाखिले के लिए पहले अंतिम तिथि 21 मार्च थी। हाई कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इसे 11 अप्रैल किया था। अब जब सुनवाई आगे बढ़ रही है तो दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख बढ़ाकर 13 अप्रैल कर दिया गया है।

आज सुनवाई के दौरान केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से एएसजी चेतन शर्मा ने हाई कोर्ट से कहा कि वो इस मामले की सुनवाई गुण-दोष के आधार पर चाहते हैं। इसके पहले सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से दाखिले की न्यूनतम उम्र बढ़ाकर छह साल किए जाने पर सवाल उठाया है। कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय ने जिस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हवाला देकर उम्र पांच से छह साल बढ़ाया है उसमें दो से तीन साल में रोडमैप तैयार करने को कहा गया है। ऐसे में आपका रोडमैप कहां है।

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि कक्षा एक में दाखिले की न्यूनतम उम्र सीमा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक होनी चाहिए। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि कक्षा एक में दाखिले की न्यूनतम उम्र पांच साल से बढ़ाकर छह साल करने से शिक्षा के अधिकार कानून का कोई उल्लंघन नहीं होता है।

दरअसल हाई कोर्ट केंद्रीय विद्यालय में कक्षा एक में दाखिले की न्यूनतम उम्र सीमा पांच साल से बढ़ाकर छह साल और अधिकतम आयु सीमा सात साल से बढ़ाकर आठ साल करने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है। पहले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालय में कक्षा एक में दाखिले की न्यूनतम उम्र सीमा पांच साल से बढ़ाकर छह साल और अधिकतम आयु सीमा सात साल से बढ़ाकर आठ साल करने के आदेश का बचाव करते कहा था कि ये राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किया गया है।

केंद्र सरकार ने कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हर केंद्रीय विद्यालय को लागू करना अनिवार्य है। केंद्र सरकार ने कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पैराग्राफ 4.1 के मुताबिक 5 3 3 4 का प्रावधान किया गया है। इसके तहत तीन से आठ साल तक फाउंडेशन चरण होगा। पहला तीन साल आंगनवाड़ी या प्री-स्कूल का, दो साल प्राईमरी स्कूल का जैसे कक्षा एक से दो तक। हाई कोर्ट ने 8 मार्च को नोटिस जारी किया था।

यह याचिका आरिन नामक छात्रा ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन का आदेश मनमाना और गैरकानूनी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन के आदेश से छात्रों के अभिभावक परेशान हैं। चार मार्च को केंद्रीय विद्यालय संगठन की ओर से कहा गया था कि याचिकाकर्ता को नई शिक्षा नीति को चुनौती देनी चाहिए।

याचिकाकर्ता की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि वो नई शिक्षा नीति को चुनौती नहीं दे रहे हैं क्योंकि पहले तो वो कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं है और दूसरा यह कि नई शिक्षा नीति में पहली कक्षा के लिए न्यूनतम उम्र सीमा छह साल से ज्यादा करने का जिक्र कहीं नहीं है। अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन नई शिक्षा नीति की गलत व्याख्या कर रही है।उल्लेखनीय है कि केंद्रीय विद्यालय में दाखिले के लिए पहले उम्र सीमा पांच से सात साल थी जो अब छह से आठ साल कर दी गई है।

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