राष्ट्रीय

जुडिशियल विस्टा निर्माण मामले में 26 जुलाई तक सुनवाई टली

नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर देश भर की अदालतों में काम के बेहतरीन माहौल के सुप्रीम कोर्ट के आसपास जुडिशियल विस्टा के निर्माण की मांग पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ऐसे फैसले तुरंत नहीं लिए जा सकते। वह इस मामले में सरकार से संपर्क में हैं।

मेहता ने इस मामले की सुनवाई चार हफ्ते टालने की मांग की। उसके बाद जस्टिस विनीत सरन की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को करने का आदेश दिया।

25 अप्रैल को कोर्ट ने तुषार मेहता से अपना रुख साफ करने को कहा था। 8 मार्च को कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिका सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रेकॉर्ड अर्धेंदु प्रसाद ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में जजों, वकीलों और वादियों के लिए जगह अब कम पड़ रही है। मल्टी लेवल कोर्ट रूम, मल्टी लेवल एडवोकेट चैम्बर, अंडरग्राउंड पार्किंग सहित तमाम व्यवस्था की जरूरत है।

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट परिसर के आसपास के इलाके में जुडिशियल विस्टा का निर्माण किया जाए। ऐसा करना जजों, सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारियों, वकीलों और पक्षकारों के लिए काम करने के बेहतर माहौल के लिए जरूरी है।

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