पर्यटन बजट का 50 फीसदी सिर्फ भारतीय पर्यटकों पर खर्च कर रहा नेपाल
महराजगंज, 26 अगस्त। कोरोना महामारी में नेपाल के पर्यटन की स्थिति चरमरा गई थी। लगभग 18 महीने तक नेपाल-भारत सीमा बंद रहने के कारण नेपाल की अर्थव्यवस्था को भारी धक्का लगा था। अब एक बार भारतीय पर्यटकों के नेपाल जाने से स्थिति में सुधार दर्ज की जा रही है। इसके मद्देनजर नेपाल अपने एक अरब के पर्यटन बजट का 50 प्रतिशत सिर्फ भारतीय पर्यटकों पर खर्च कर रहा है। इनकी सहूलियतों का खासा खयाल रखा जा रहा है।
नेपाल पर्यटन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकार डॉ. धनंजय रेग्मी ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध और कोरोना महामारी के बाद हालत सुधरने पर भी नेपाल जाने वाले विदेशी सैलानियों की संख्या में भारी कमी आयी है। सिर्फ भारतीय पर्यटकों में ही उत्साह है। ऐसे में भारत से आने वाले पर्यटकों की सहूलियतों का विशेष खयाल रखने का निर्णय लिया गया है और बजट का 50 प्रतिशत यानी 50 करोड़ रुपये उनकी सहूलियतों पर ही खर्च हो रहा है। डॉ. रेग्मी ने बताया कि इस वर्ष नेपाल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक अरब का बजट पूरी दुनिया के लिए रखा गया है। इसमें से आधा यानी 50 करोड़ रुपये सिर्फ भारतीय पर्यटकों की सुविधाओं पर खर्च हो रहा है। पूरी कोशिश है कि अधिक से अधिक भारतीय पर्यटक नेपाल में मिल रही सुविधाओं एवं वादियों से आकर्षित होकर नेपाल भ्रमण पर आते रहें।
डॉ. रेग्मी ने बताया कि भारतीय पर्यटकों की वजह से नेपाली पर्यटन उद्योग उत्साहित है। सीमाई क्षेत्रों में भारतीय पर्यटकों की संख्या हौसला बढ़ाने वाली है। इसलिए बोर्ड स्थल मार्ग से आने वाले भारतीय पर्यटकों का भी अब रिकॉर्ड रखेगा, ताकि उन्हें नेपाल में सुरक्षा, सहूलियत एवं सुविधाएं दी जा सकें। उल्लेखनीय है कि अब तक केवल हवाई मार्ग से ही नेपाल जाने वालों का ब्योरा सहेजकर रखा जाता था, जबकि सोनौली सहित अन्य सीमाओं से बड़ी संख्या में भारतीय एवं अन्य विदेशी सैलानी नेपाल जाते हैं।