हरियाणा

छात्राओं के साथ हुए फर्जीवाड़ा के मामले में कॉलेज प्रबंधन द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को लिखा पत्र

– छात्राओं का रजिस्ट्रेशन करवा दोबारा नए सिरे से परीक्षा लेने की मांगी अनुमति  


गन्नौर
। जीटी रोड स्थित सीसीएएस जैन गर्ल्ज कॉलेज में छात्राओं के साथ हुए फर्जीवाड़ा के मामले में कॉलेज प्रबंधन द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से कॉलेज प्रबंधन ने उन छात्राओं की दोबारा परीक्षा लेने की अनुमति मांगी है, जो रजिस्ट्रेशन न हो पाने की वजह से परीक्षा से वंचित रह गई थी। कॉलेज प्रधान आनंद जैन का कहना है कि इस मामले में कॉलेज प्रशासन से चूक हुई है, वह इसे स्वीकार करते हैं। अब इस संबंध में कॉलेज द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि छात्राओं का भविष्य खराब न हो। वहीं इस मामले में फरार चल रहे क्लर्क की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। थाना बड़ी पुलिस का कहना है कि पुलिस आरोपित की तलाश कर रही है, जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

– फीस जमा न करवाने व रजिस्ट्रेशन न करवाए से नही आए थे छात्राओं के रोल नम्बर
सीसीएएस जैन गर्ल्ज कॉलेज की एमए प्रथम वर्ष की सात छात्राओं से फीस तो ली गई, लेकिन फीस जमा न करवाने व रजिस्ट्रेशन न करवाए जाने की वजह से रोहतक विश्वविद्यालय की तरफ से छात्राओं को रोल नंबर जारी नहीं किए गए। आरोप है कि कॉलेज की तरफ से छात्राओं को फर्जी रोल नंबर जारी कर उनकी दो परीक्षाएं भी करवा दी, लेकिन तीसरी परीक्षा के समय कॉलेज प्रबंधन द्वारा उनका रोल नंबर वापिस ले लिया गया। कॉलेज की तरफ से उन्हें बताया कि गया उनका रजिस्ट्रेशन न होने की वजह से उनकी परीक्षा नहीं हो पाएंगी। कॉलेज के क्लर्क पर इस फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगा है। कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि क्लर्क द्वारा न तो छात्राओं का रजिस्टेशन करवाया गया है और फीस आने के बाद भी उनकी फीस जमा न करवाने की वजह से रोहतक विश्वविद्यालय की तरफ से छात्राओं को रोल नंबर जारी नहीं किया गया है। जब इस बात का खुलासा हुआ तो क्लर्क कॉलेज का रिकार्ड सहित फरार हो गया, जिसके खिलाफ कॉलेज प्रधान की तरफ से बड़ी थाना में मामला दर्ज करवाया गया है।

– छात्राओं को है अब अनुमति का इंतजार, 17 मार्च को खत्म हो चुकी हैं परीक्षा,
कॉलेज में छात्राओं की परीक्षा 4 मार्च से शुरू हो गई थी। एमए प्रथम वर्ष की छात्रा पूजा, रजनी, निधि, प्रियंका, प्रतिभा, किरण व एक अन्य छात्रा ने कॉलेज में पहुंच कर दो परीक्षाएं भी दी, लेकिन जब कॉलेज प्रबंधन को पता चला कि छात्राओं को फर्जी रोल नंबर देकर गलत तरह से परीक्षा करवाई गई हैं, तो उन्होंने छात्राओं से रोल नंबर वापिस ले लिए। इसके बाद छात्राएं बाकी परीक्षा देने से भी वंचित रह गई। 17 मार्च तक परीक्षाएं चली, लेकिन परीक्षाओं के दौरान छात्राओं को परीक्षा देने की अनुमति नहीं मिल पाई। अब छात्राएं उच्च शिक्षा विभाग व रोहतक विश्वविद्यालय की अनुमति मिलने का इंतजार कर रही हैं, ताकि वे दोबारा परीक्षा देकर अगले समेस्टर में प्रवेश पा सकें।

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