किसी की बुराई को क्षमा कर देना चाहिएः दया सागर जी महाराज
इंदिरा नगर स्थित जैन मंदिर में शुरू हुआ 10 लक्षण पर्व
लखनऊ, 31 अगस्त। किसी ने भी आपको कोई कष्ट दिया हो या बुराई की हो, उसको क्षमा कर देना चाहिए। अपने अंदर किसी प्रकार के बदले की भावना का त्याग कर देना चाहिए। यह उद्गार जैन संत श्री 108 दया सागर जी महाराज ने प्रवचन में व्यक्त किए।
इंदिरा नगर स्थित जैन मंदिर में समाज का बुधवार से 10 लक्षण पर्व शुरू हुआ। पर्व के पहले दिन महाराज जी ने उत्तर क्षमा के महत्व पर प्रकाश डाला। महाराज ने बताया किसी भी परिस्थिति में इंसान को क्षमा कर देना चाहिए।
मंदिर के अभिषेक जैन ने बताया कि इस पर्व में आने वाले 10 दिनों में मानव की 10 बुराइयों को दूर करने के उत्तम गुणों को अपनाने के महत्व को बताया जाएगा, जिससे कि एक इंसान सच्चा सच्चा बन सके। मंदिर में शहर के दूर-दूर से आए समाज के भक्त प्रवचन में शामिल हुए। यहां रोज सुबह 8:30 से 9:30 बजे तक प्रवचन चलेगा।
अभिषेक जैन ने बताया कि संत प्रवर श्री 108 दया सागर जी ऐसे पहले जैन साधू हैं, जिन्होंने पूर्वोत्तर की धरती पर कदम रखा और अपने प्रवचनों के माध्यम से वहां के उग्रवादियों का हृदय परिवर्तन कराया दिया था। वह प्रथम जैन संत शांति सागर जी की परम्परा से आते हैं।