तेरह जुलाई चलने वाली सांग विधा का सोमवार को शुभारंभ
लोक नाट्य विधा सांग में रागनी गाते पंडित विष्णु दत्त
खरखौदा,4 जुलाई । स्थानीय छपडेश्वर धाम परिसर में लोक नाट्य विधा सांग का आयोजन पंडित लख्मीचंद के सुपौत्र विष्णु दत्त की पार्टी के गायकों द्वारा किया गया। गायक विष्णु दत्त ने सेठ ताराचंद के किस्से की रागनी गायी । जिसमें उन्होंने बताया कि दिल्ली निवासी सेठ ताराचंद बड़े दानवीर व्यक्ति थे। पूरे विश्व में उनकी हुंडी चलती थी, लेकिन उनके चचेरे भाई हरी राम ने उनकी प्रसिद्धि से ईर्ष्या करते हुए ताराचंद को कहा कि वह धर्म पुण्य छोड़कर अपना पूरा ध्यान धन अर्जित करने पर लगाए। अपने चचेरे भाई की बात को मानकर सेठ ताराचंद ने धर्म पुण्य करना छोड़ दिया। धर्म पुण्य के कार्य छोड़ने के कुछ समय बाद सेठ ताराचंद कंगाल हो गया। जिसके कारण सेठ ताराचंद को कंगाली में अपने पुत्र चंद्रगुप्त को हापुड़ के सेठ मंसाराम के पास गिरवी रखना पड़ा। कंगाली के समय सेठ ताराचंद के पास एक दिन एक साधु महात्मा आते हैं और उन्हें आदेश देते हैं कि वह अपनी पत्नी के साथ जंगल में जाकर लकड़ियां इकट्ठी करके लाए। जिन्हें बेचने पर उन्हें धन अर्जित होगा। लकड़ी बेचने पर जो सेठ ताराचंद को धन अर्जित होता। वह उस धन के 4 हिस्से बनाता। जिसमें से एक हिस्से से वे खाना खाते और बाकी के तीन धन के हिस्सों से गऊ, ब्राह्मण व साधु को भोजन कराते थे। उन्होंने इस तरह लगातार 12 वर्ष तक यह धर्म पुण्य का कार्य दोबारा शुरू कर दिया। लेकिन जिस कंगाली में सेठ ताराचंद ने अपने पुत्र चंद्रगुप्त को मात्र 200 रुपए में गिरवी रखा था। वह अपने पुत्र को छुड़ाने के लिए धन इकट्ठा नहीं कर पाए। झपड़ेश्वर मंदिर के महंत बाबा मोहन दास ब्रह्मचरी ने बताया कि सांग का कार्यक्रम 13 जुलाई गुरु पूर्णिमा तक चलेगा। गुरु पूर्णिमा वाले दिन एक विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। सांग को सुनने के लिए आसपास के क्षेत्र के काफी लोग पहुंच रहे हैं । इस मौके पर नरेंद्र पराशर, जय भगवान शर्मा, पार्षद मोहन दहिया, कपिल पाराशर,
सूर्यदत्त,जगबीर,नरेश,डॉ. रामफल, अनिल कुमार सेन, संदीप कुमार मटरा,आनंद गर्ग,गुलाब सैनी,टीनू जांगड़ा आदि उपस्थित थे।