वर्ल्ड वाइड उत्सव में दिखे अवध के विभिन्न चोखे रंग
लखनऊ, 31 अक्टूबर। वर्ल्ड वाइड उत्सव में दिखे अवध के विभिन्न चोखे रंग। लखनऊ कनेक्शन वर्ल्ड वाइड पेज ने धमाकेदार वर्ल्ड वाइड अवध उत्सव का आयोजन सोमवार को आईआईए भवन में किया गया। गोमतीनगर स्थित भवन में आयोजित कार्यक्रम लोकप्रिय फेसबुक पेज के गीत संगीत से सजी इस शाम काफी लोगों ने प्रतिभाग किया। कुछ ने ऑनलाइन भी भाग लिया। देश-विदेश में रह रहे लगभग 45 हजार लखनऊवासी इस पेज जुड़े हुए हैं। इस पेज के माध्यम से परपंचू, बुल्लउवा, शेरो शायरी, अंताक्षरी, योग, महफिल-ए-लखनऊ, अवधी व्यंजन, प्रतिष्ठित व्यक्तियों से बातचीत जैसे कार्यक्रम नियमित तौर पर होते हैं। इसमें प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार भी दिए जाते हैं।
नियमित मिलन व पुरस्कार वितरण के ऐसे कार्यक्रम कोरोना काल के बाद शीरोज से शुरू होकर आज आईआईए भवन तक पंहुच चुका है। अवध उत्सव का यह आयोजन करीब तीन सौ सदस्यों के आपसी मिलन का माध्यम बना।
कार्यक्रम का उद्घाटन वरिष्ठ फिल्म अभिनेता डॉ अनिल रस्तोगी और वरिष्ठ पत्रकार सुधीर मिश्र ने किया। लखनऊ कनेक्शन वर्ल्ड वाइड के फेसबुक पेज के जरिए लखनऊ को एकसूत्र में पिरोने वाले सुनील मिश्र और कनाडा के अनिल शुक्ला ने पेज की सार्थकता और नियमित होने वाले कार्यक्रमों से अवगत कराया। पुनीता अवस्थी के मंच संचालन में राजीव कुमार सक्सेना, सुमोना पांडे, रश्मि शुक्ला, अपर्णा सिंह, नीरजा शुक्ला, इंदु सारस्वत, कुसुम वर्मा, रश्मि त्रिपाठी, ज्योति किरन रतन आदि ने अवधी लोकगीतों नृत्य की संगीत माला से अवध उत्सव को सार्थकता प्रदान दी।
वरिष्ठ सदस्य अविनाश अरोड़ा, डा. सुनील कुमार, अवधी रचनाकार डा.रामबहादुर मिश्र, ओलंपियन सुजीत कुमार, दूरदर्शन अधिकारी आत्मप्रकाश मिश्र की उपस्थिति में आकाशवाणी की पूर्व अधिकारी नूतन वशिष्ठ ने- लहंगा है गोटेदार, राम अवध आए जैसे गीत सुनाए तो भक्ति शुक्ला, सुनील मिश्र ने देवी गीतों से माहौल भक्तिमय बनाया।
प्रपंचू के जरिए डॉ शोमा वाजपेई व डॉ विनीता मिश्रा ने अवध की प्रपंच परंपरा को आमने-सामने परिचित कराया। बांसुरी वादन से स्वाति पटौदी ने कृष्ण को याद किया। डॉ डीके श्रीवास्तव ने लोक गीतों में पुरुषों की अवधि आवाज को दर्शाया। सुषमा प्रकाश ने- ऐ दिल मुझे बता दे, नम्रता मिश्र ने- जाने लोग क्यों मोहब्बत किया करते हैं गीत से फिल्मी अंताक्षरी की झलक दिखाई। कीर्ति मिश्र ने सूफी गीत- दमादम मस्त कलंदर गाकर सभी लोगों को झूमने का अवसर दिया। प्रसिद्ध कवि पंकज प्रसून ने अवधी कविता अपनी भाषा अपनी बोली अपनी वाणी के यार अवध है सुनाई। रवि भट्ट इतिहासकार, अनिता श्रीवास्तव, ज्योति सिन्हा कवियत्री, ध्रुव खरे, चंद्रशेखर वर्मा, बालकृष्ण शर्मा, नाल वादक प्रेम गौड़, व ढोलक वादक अनिल गौड़िया ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। नवनीत भसीन के कॉमेडी शो के साथ मंच पर आए।
कार्यक्रम में ज्योति प्रकाश को प्रथम, आशीष नवल को प्रथम रनर अप, निर्णायक इंदु सारस्वत, नवनीत कुमार भसीन, रश्मि त्रिपाठी को पुरस्कृत किया गया। अवधी भाषा, वाणी, गीत, संगीत, नृत्य और व्यंजनों से सजी इस शाम का समापन अगले मिलन के वादे के साथ हुआ।