उत्तर प्रदेश

काशी तमिल संगमम् में दक्षिण भारतीय व्यंजनों की मांग, मसालों की भी जमकर बिक्री

वाराणसी, 28 नवम्बर। एक माह तक चलने वाले काशी तमिल संगमम् में लगी प्रदर्शनी के खान—पान के स्टालों पर स्थानीय नागरिकों के साथ तमिलनाडु से आये मेहमानों की भीड़ जुट रही है। स्टालों पर दक्षिण भारत के व्यंजनों के साथ वहां के मसाले भी स्थानीय लोगों को भा रहा है। बीएचयू के एम्फीथियेटर मैदान में लगे स्टाल पर तमिलनाडु के सहजन के पत्ते का सूखा बैंगन , सूखी भिंडी का तड़का लोगों को पसंद आ रहा है। एक स्टाल पर “रेडी टू ईट रेडी टू कूक” लोगों में आकर्षण बनी हुई है।

संगमम् में ओडीओपी के अंतर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत एक जिला एक उत्पाद का स्टाल भी लगाया गया है। जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। दुकान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अंकित कुमार गुप्ता ने बताया कि तमिलनाडु के 38 जिलों के 19 प्रसिद्ध उत्पादों के स्टाल लगाए गए हैं। तमिलनाडु में जो प्रसिद्ध सब्जियां हैं, उसमें सूखे बैंगन, सूखी भिंडी तथा तड़का के लिए स्पेशल सहजन की पत्ती है। इसमें रेडी टू ईट रेडी टू कुक वहां पर काफी प्रसिद्ध है।

उन्होंने बताया कि जिस तरह उत्तर भारत में तेज पत्ता और कसूरी मेथी का प्रयोग तड़के के लिए किया जाता है, उसी तरह तमिलनाडु में सहजन के पत्ते का प्रयोग तड़के के लिए होता है। इसका अलग स्वाद लोगों को मिलेगा। इसका इस्तेमाल सब्जियों और आटा में कर सकते हैं। हमारे यहां वेस्ट समझकर फेंके जाने वाले सूखे बैगन, भिंडी और करेला का इस्तेमाल भी खाद्य सामग्री बनाने में किया जाता है।

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