अंतर्राष्ट्रीय

सेना प्रमुख के चयन में नवाज से सलाह लेकर फंसे शहबाज, देशद्रोह के मुकदमे की मांग

-पंजाब विधानसभा ने पारित किया प्रस्ताव, भगोड़े भाई से सलाह का आरोप

इस्लामाबाद, 20 सितंबर। पाकिस्तान में नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इस मसले पर अपने भाई व पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सलाह लेने के मामले में फंस गए हैं। पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा ने प्रस्ताव पारित कर शहबाज पर अपने भगोड़े भाई से सलाह लेने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ देशद्रोह के आरोपों के तहत मुकदमा चलाने की मांग की गयी है।

पाकिस्तान के मौजूदा सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा इस साल नवंबर के अंत में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उनके स्थान पर नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर पाकिस्तान में पहले ही मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच घमासान चल रहा है। रही-सही कसर शहबाज की ब्रिटेन यात्रा ने पूरी कर दी।

दरअसल, शहबाज बीते दिनों ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लंदन गए थे। इस दौरान उन्होंने अपने भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात कर उनके साथ अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति पर चर्चा की।

नवाज शरीफ 2019 से लंदन में रह रहे हैं। लंदन जाने से पहले वे भ्रष्टाचार के एक मामले में पाकिस्तान की जेल में सजा काट रहे थे। 2019 में लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें आठ सप्ताह के लिए लंदन जाने की अनुमति के साथ जमानत दी थी। आठ सप्ताह बाद वापस नहीं आने पर उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।

अब नवाज को भगोड़ा घोषित किये जाने के बावजूद उनसे देश के सेना प्रमुख की नियुक्ति पर सलाह लेने पर मामला फंस गया है। पाकिस्तान की पंजाब विधानसभा ने इस संबंध में विरोध प्रस्ताव पारित किया है। पंजाब के संसदीय कार्य मंत्री बशारत राजा ने संविधान के अनुच्छेद 6 (देशद्रोह) के तहत प्रधानमंत्री शहबाज के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए सदन में प्रस्ताव पेश किया।

इस प्रस्ताव में कहा गया है कि पाकिस्तानी अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किए गए पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कुछ दिन पहले लंदन में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नए सेना प्रमुख की नियुक्ति के विषय में सलाह ली थी। उनका यह कदम न केवल प्रधानमंत्री पद की शपथ का उल्लंघन है बल्कि उन्होंने देश के संवेदनशील मामलों को असंबंधित व्यक्तियों के साथ साझा करने का भी अपराध किया है। इसके साथ ही उनके इस कदम को सेना का अपमान भी बताया है। सदन ने शहबाज के खिलाफ देशद्रोह की धाराओं में मुकदमा चलाने की मांग की है।

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