जोशीमठ पर आई आपदा के निवारण के लिए दंडी सन्यासियों ने किया सांकेतिक उपवास
वाराणसी,09 जनवरी। उत्तराखण्ड में जोशीमठ पर आई आपदा से काशी के संत और दंडी स्वामी भी चिंतित हैं। आपदा के निवारण के लिए दंडी स्वामियों ने सोमवार को अस्सी स्थित मुमुक्षु भवन में सांकेतिक उपवास रखा। परमात्मा से जोशीमठ के आपदा निवारण के लिए संतों ने सामूहिक प्रार्थना भी की।
इस दौरान आयोजित धर्मसभा की अध्यक्षता करते हुए दंडी सन्यासी महासमिति के राष्ट्रीय महामंत्री ईश्वरानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि अनियोजित विकास, भू-खनन व पहाड़ों पर किये जा रहे विस्फोटों के चलते जोशीमठ में सैकड़ों मकानों व सड़कों में दरार पड़ गया है। जोशीमठ की भूमि धंस रही है। हजारों लोगों के जीवन पर संकट है। ऐसे आपदा के समय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वमी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पीड़ितों की हर सम्भव मदद कर रहे हैं। सभा में संजय पाण्डेय ने बताया कि 600 से अधिक घरों व सड़कों में दरार पड़ गई है। हजारों लोगों के जान माल का खतरा उत्पन्न हो गया है। आदि शंकराचार्य भगवान के तपोस्थली ज्योतिर्मठ में भी दरार पड़ गया है। इसके लिए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपने अधिवक्ताओं के जरिये देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व मुख्यमंत्री को जोशीमठ प्रकरण में चिट्ठी लिखने के साथ ही सुप्रीमकोर्ट में पीआईएल भी दाखिल कर चुके हैं। सभा का संचालन सदानंद तिवारी और आभार ज्ञापन सतीश अग्रहरी ने किया।