आठ साल बाद आयोजित होगी काबा की बैठक, लिए जा सकते हैं कई महत्वपूर्ण फैसले
नई दिल्ली, 13 जून । आठ साल बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑफ आर्कियोलॉजी (काबा) की मीटिंग 14 जून को होने जा रही है। काबा की 37वीं मीटिंग में सालों से अटके मामलों पर विचार और फैसले लिए जा सकते हैं। इसमें देशभर की राज्य सरकारों द्वारा लाई गईं 37 रेज्यूलेशन पर चर्चा की जाएगी।
काबा का गठन साल 1945 में भारतीय संविधान के अनुसार किया गया था। काबा का कार्यकाल 3 वर्ष का होता है।
बता दें कि काबा एक ऐसा बोर्ड है जो ऐतिहासिक महत्व की साईटों, इमारतों, संग्रहालयों के रख-रखाव सहित खुदाई व संरक्षण जैसे एएसआई के कार्यों के लिए राज्यों के संस्कृति सचिवों के साथ मिलकर केंद्र सरकार को अनुशंसा करती है। सही मायनों में कहा जाए तो एएसआई के भविष्य को तय करने का काम काबा द्वारा किया जाता है।
मंगलवार को होने वाली काबा की एकदिवसीय मीटिंग में आर्कियोलॉजिकल प्रिंसिपल, ट्रेनिंग फ्यूचर आर्कियोलॉजिस्ट व देशभर की राज्य सरकारों द्वारा लाई गईं 37 रेज्यूलेशन पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी, संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल व मीनाक्षी लेखी सहित संस्कृति सचिव, यूजीसी चेयरमैन, नेशनल म्यूजियम के महानिदेशक, महानिदेशक एएसआई, पूर्व महानिदेशक एएसआई सहित सभी राज्यों के संस्कृति सचिव, स्टेट आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर्स भी उपस्थित रहेंगे।