हरियाणा

उपायुक्त ने एशिया चैंपियनशिप में स्वर्ण पताका फहराने वाले युवा पहलवानों का किया अभिनंदन  

-किर्गिस्तान में निगपा व  शुभम ने अंडर-17 आयुवर्ग में भारत के लिए जीते स्वर्ण पदक
-बहालगढ़ स्थित उत्तर क्षेत्रीय साई केंद्र के पहलवानों ने रचा इतिहास: उपायुक्त ललित सिवाच
-महिला कोच कामिनी यादव तराश रही साई केंद्र में पुरुष पहलवानों को: नगराधीश

सोनीपत, 06 जुलाई । किर्गिस्तान में आयोजित एशिया कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पताका फहराने वाले बहालगढ़ स्थित उत्तर क्षेत्रीय साई ( स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ) केंद्र के युवा पहलवानों का उपायुक्त ललित सिवाच ने अभिनंदन करते हुए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सोनीपत की मिट्टी पहलवानों के लिए बेहद उपजाऊ है, जो अपने क्षेत्र के ही नहीं अपितु समस्त राष्ट्र  की खेल प्रतिभाओं को तराशने का काम कर रही है।
कर्गिस्तान में अंडर-17 व अंडर-22 आयुवर्ग के तहत एशिया कुश्ती चैंपियनशिप का सफल आयोजन किया गया, जिसमें साई केंद्र के पहलवानों ने हिंदुस्तान का प्रतिनिधित्व किया। भारत की ओर से अंडर-17 आयुवर्ग में 45 किलोग्राम भारवर्ग में कर्नाटक के निगपा ने और 48 किलोग्राम भारवर्ग में महाराष्टï्र के शुभम ने हिस्सा लेते हुए स्वर्ण पदक जीते। फ्री-स्टाईल कुश्ती में पुरूष वर्ग की हैड कोच कामिनी यादव के नेतृत्व में इन उभरते पहलवानों ने इतिहास रचा है, जिसके लिए उपायुक्त ललित सिवाच ने खिलाडिय़ों व इनकी कोच को सम्मानित किया। इसके पहले निगपा व शुभम ने राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुश्ती प्रतियोगिताओं में भी सफल प्रदर्शन किया है, जिसके आधार पर इन्हें अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए चुना गया।
उपायुक्त ललित सिवाच ने कहा कि सोनीपत खेलों का हब है। यहां के खिलाड़ी लगातार सफल प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य व राष्टï्रीय स्तर से लेकर अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर यहां के खिलाडिय़ों ने देश का नाम रोशन किया है। ओलंपिक व पैरालंपिक में भी खिलाडिय़ों ने अपना जलवा बिखेरा है। खेलों की इस धरती पर खेल प्रतिभाओं को निखारने का काम समर्पित रूप में उत्साहपूर्वक किया जा रहा है। बहालगढ़ साई केंद्र इसका उदाहरण है।
इस मौके पर एशियन कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी नगराधीश डा. अनमोल ने भी दोनों पहलवानों व कोच को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक महिला पहलवान कोच द्वारा पुरुष पहलवानों को तराशने का काम किया जा रहा है जो कि आम तौर पर देखने को नहीं मिलता। इसके लिए हैड कोच कामिनी यादव विशेष रूप से बधाई की पात्र है जो कि रामपुर कुंडल की बहू भी है। हरियाणा की इस बेटी ने यह अनूठा कीर्तिमान स्थापित किया है। इनकी अगुवाई में पुरुष पहलवानों की बेहतरीन पौध तैयार की जा रही है। कामिनी ने यह अवधारणा बदल दी है कि पुरुष पहलवानों को पुरुष कोच ही तैयार कर सकता है। कामिनी एक प्रतिभाशाली पहलवान रही है, जिनके नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं। नि:संदेह कामिनी के नेतृत्व व प्रशिक्षण का लाभ साई केंद्र के पहलवानों को मिलेगा और वे लगातार सफल प्रदर्शन करेंगे।

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