राष्ट्रीय

पाक प्रायोजित आतंकवाद पर जर्मनी चुप्पी क्यों, भारत ने उठाया सवाल

नई दिल्ली, 08 अक्टूबर । भारत ने शनिवार को पाक प्रायोजित आतंकवाद पर जर्मनी की चुप्पी पर सवाल उठाया है। भारत ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के गंभीर और विचारशील सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, खासकर सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ मुहिम चलानी चाहिए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची का यह बयान हाल ही में जर्मनी और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान जम्मू-कश्मीर के संबंध में की गई टिप्पणियों पर मीडिया के सवालों के जवाब में आया है।

बागची ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर दशकों से सीमापार आतंकवादी अभियान का खामियाजा भुगत रहा है। आतंक का यह दौर अब भी जारी है। विदेशी नागरिक भी इसका शिकार हुए हैं, साथ ही भारत के अन्य हिस्सों में भी आतंकी हमले हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और एफएटीएफ अभी भी 26/11 के भीषण हमलों में शामिल पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों का पीछा कर रहे हैं। कुछ देश ऐसे खतरों को नहीं पहचानते हैं। ऐसे देश स्वार्थ या उदासीनता के कारण शांति के प्रयासों को कमजोर करते हैं उसे बढ़ावा नहीं देते। साथ ही वे आतंकवाद के शिकार लोगों के साथ भी घोर अन्याय करते हैं।

उल्लेखनीय है कि जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के साथ संयुक्त बयान में कश्मीर का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा था कि कश्मीर की स्थिति के संबंध में जर्मनी की भूमिका और जिम्मेदारी है और हम इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र पहल का समर्थन करते हैं। पाकिस्तान और भारत को युद्धविराम करते हुए राजनीतिक पहल और संयुक्त राष्ट्र के जरिए रास्ता निकालने के लिए हम प्रोत्साहित करेंगे।

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