राष्ट्रीय

जी-20 की सफलता की आधारशिला है आपसी सहयोग की भावना : बिरला

जकार्ता, 07 अक्टूबर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जी-20 संसदों (पी20) के अध्यक्षों के 8वें शिखर सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 06 अक्टूबर को आरम्भ हुए शिखर सम्मेलन में यह निष्कर्ष निकला है कि आपसी सहयोग की भावना ही जी-20 की सफलता की आधारशिला है। उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन और व्यवस्थित संचालन के लिए इंडोनेशिया को बधाई दी ।

पिछले 75 वर्षों में भारत के लोकतंत्र की गौरवशाली यात्रा पर बोलते हुए बिरला ने कहा कि भारत में लोकतंत्र की यात्रा में जनता के मत के अनुसार सत्ता का सहज हस्तांतरण हमारे संविधान और लोकतंत्र की विशेषता रही है। उन्होंने कहा कि हमारी संसद देश के नागरिकों के हितों का संरक्षण करती हैं और कानून और नीतियां बनाने में मार्गदर्शन करती हैं।

21वीं सदी में दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतियों पर बोलते हुए बिरला ने कहा कि हम सभी को अपने देशों और विश्व में भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए साझा प्रयास, बेस्ट प्रैकटिसेज और नियमित संवाद पर बल देना चाहिए । अपनी-अपनी संप्रभुता के अनुसार नवाचार करने और चुनौतियों से निपटने एवं उनके समाधान के लिए आपस में हमारे नियमित संवाद और साझा प्रयासों से हमें हमारी संसदों का मार्गदर्शन करना चाहिए।

बिरला ने दोहराया कि भारत का मानना है कि वैश्विक समृद्धि, आर्थिक अवसर और चुनौतियां एक दूसरे से जुड़े हुए विषय हैं। हमारा विचार है कि जी-20 के सदस्य देशों की संसदें सामूहिक रूप से साझे दृष्टिकोणों और उनके सरोकारों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन में संसदीय और सामुदायिक भागीदारी तंत्र को और अधिक सुदृढ़ बनाने में अपना योगदान दें।

उन्होंने भारत में अगले वर्ष जी20 के नौवें शिखर सम्मेलन में आमंत्रण देते हुए कहा कि भारत अगले वर्ष पी-20 देशों के सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करने के लिए उत्सुक है।

शिखर सम्मेलन के दौरान बिरला ने थाईलैंड नेशनल असेंबली के प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष चुआन लीकपाई से मुलाकात की । मुलाकात के दौरान बिरला ने लीकपाई को थाईलैंड नेशनल असेंबली के प्रतिनिधि सभा के नब्बे वर्ष पूरे होने पर बधाई दी और भारत और थाईलैंड के बीच संसदीय सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया।

लोकसभा अध्यक्ष ने फिजी की संसद के अध्यक्ष महामहिम रातू एपेली निलोटिका से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने हिंद महासागर में सहयोग, सर्वोत्तम संसदीय परम्पराओं को साझा करने और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने सहित पारस्परिक हित के कई मुद्दों पर चर्चा की। फिजी के विकास के लिए भारतीय डायस्पोरा के योगदान पर भी चर्चा की गई। बाद में जकार्ता में भारतीय समुदाय द्वारा बिरला का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए बिरला ने कहा कि इंडोनेशिया में भारतीय समुदाय अपने कठिन परिश्रम, इनोवेशन और नई सोच के साथ इंडोनेशिया की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने इंडोनेशिया में भारतीय समुदाय से आग्रह की कि वे भारत में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रयास करें, इंडोनेशिया की कंपनियों को, इंडोनेशिया के नागरिकों को भारत की उभर रही संभावनाओं के बारे में बताएं। उन्होंने आह्वान किया कि वे अपने कर्मभूमि के साथ साथ जन्मभूमि की समृद्धि के लिए भी काम करें।

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