खेल

मध्य प्रदेश ने पहली बार रणजी ट्रॉफी जीत कर रचा इतिहास

रणजी ट्रॉफी के 41बार की विजेता मुंबई को छह विकेट से हराया

मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट कर मध्य प्रदेश की टीम को दी बधाई

बेंगलुरु/भोपाल, 26 जून । मध्य प्रदेश की क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते हुए इस साल का रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम कर लिया है। मध्य प्रदेश के क्रिकेटरों ने बेंगलुरु केएम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले के अंतिम दिन रविवार को 41 बार की विजेता मुम्बई को छह विकेट से हराया। रणजी ट्रॉफी के 88 साल के इतिहास में यह पहला मौका है, जब मध्य प्रदेश ने इस ट्रॉफी को जीती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर मध्य प्रदेश की टीम को बधाई दी है।

चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच में टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी मुंबई की टीम ने पहली पारी में 374 रन बनाए, जिसके जवाब में मध्य प्रदेश की टीम ने तीन शतकीय पारियों की बदौलत 536 रन बनाए और 162 रनों की बढ़त हासिल कर ली। जवाब में मुंबई ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक 2 विकेट खोकर 113 रन बना लिए थे। मैच के आखिरी दिन रविवार को मुंबई की दूसरी पारी 269 रन पर सिमट गई। इस तरह मध्य प्रदेश को मैच जीतने के लिए 108 रन की जरूरत थी, जिसे चार विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया। आखिरी दिन के मैच में मप्र का पहला विकेट 2 रन पर यश दुबे (1), दूसरा विकेट 54 रन पर हिमांशु मंत्री (37), तीसरा विकेट 66 रन पर पार्थ सैनी (5), चौथा विकेट 101 रन पर शुभम शर्मा (30) के रूप में गिरा। रजत पाटीदार 30 रन और आदित्य श्रीवास्तव 1 रन नाबाद बनाकर अपनी टीम को जीत दिला दी। इस तरह मध्यप्रदेश ने रणजी ट्रॉफी में 41 बार चैम्पियन रह चुकी मुंबई को 6 विकेट से हराकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली। मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड शुभम शर्मा को दिया गया। उन्होंने पहली पारी में 116 रन बनाए थे, वहीं दूसरी पारी में 30 रन का योगदान दिया। उन्हें 25 हजार रुपये का चेक दिया गया। वहीं मैन ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड मुंबई के सरफराज खान को दिया गया। इससे पूर्व 23 साल पहले वर्ष 1899 में मध्य प्रदेश रणजी ट्राॅफी के फाइनल में पहुंची थी, लेकिन उसे कर्नाटक से हार का सामना करना पड़ा था।

मैच के बाद मप्र के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने कहा कि पूरी तरह से उत्साहित हूं। हम बेहद भावुक हैं। कप्तान के रूप में यह मेरा पहला साल था। मैंने जो कुछ सीखा है वह चंद्रकांत सर से है। मैं इसे जारी रखना चाहता हूं। यह बहुत ही शानदार जीत है। अच्छा महसूस हो रहा है। यह सब करना आसान नहीं था।

मुम्बई के कप्तान पृथ्वी शॉ ने कहा कि खिलाड़ियों ने जिस तरह से खेला है, वह अविश्वसनीय था। टीम में बहुत सारे नए लोग थे। मैं अधिक समय तक बल्लेबाजी कर सकता था। इस साल नहीं, लेकिन निश्चित रूप से अगले साल हम जीतेंगे। सरफराज, मुलानी, पारकर, अरमान जाफर ने अच्छा खेला। वे टीम का भविष्य हैं।

मध्यप्रदेश टीम को इस साल का विजेता बनने पर दो करोड़ रुपये की से ज्यादा की पुरस्कार राशि प्राप्त हुई, जबकि फाइनल खेलने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को बतौर मैच फीस 1.75 लाख रुपये मिलेंगे।

मुख्यमंत्री चौहान ने टीम को दी बधाई

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए मध्यप्रदेश की टीम को बधाई दी। उन्होंने लिखा, ‘रणजी ट्रॉफी 2022 फाइनल मैच में अपने अद्भुत और अद्वितीय खेल से मध्यप्रदेश की टीम ने न केवल शानदार जीत प्राप्त की है, बल्कि लोगों का हृदय भी जीत लिया।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की टीम का भव्य स्वागत किया जाएगा, टीम का नागरिक अभिनंदन होगा।

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