उत्तर प्रदेश

रोगी सहायता समूह से जुड़कर जानें फाइलेरिया से बचाव के तरीके

लखनऊ, 05 नवंबर। फूलमती माता रोगी सहायता समूह की आरे से समय-समय पर विभिन्न बीमारियों के बारे में जागरुकता अभियान चलाया जाता है।

“फूलमती माता रोगी सहायता समूह” की सदस्य शिवप्यारी ने बताया कि जब से हम फाइलेरिया रोगी सहायता समूह के सदस्य बने हैं, तब से हमें इस बीमारी के बारे में बहुत सी जानकारियां मिली हैं और बीमारी को लेकर जो गलतफहमियां थीं वह भी काफी हद तक दूर हुई हैं। अब हम यह जानने के बाद गांव के बाकी लोगों को भी फाइलेरिया के बारे में जानकारी देते हैं और साल में एक बार फाइलेरिया की दवा खाने के लिए कहते हैं।

नियमित व्यायाम करें फाइलेरिया रोगी

शनिवार को त्रिलोकपुर गाँव के प्राथमिक विद्यालय में “फूलमती माता” फाइलेरिया रोगी सहायता समूह के सदस्यों को रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता (एमएमडीपी) का प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के डॉ सतीश पांडे द्वारा दिया गया।

उन्होंने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित रोगी को नियमित तौर से व्यायाम करना चाहिए। प्रभावित अंगों पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगानी चाहिए। यदि मरीज का पैर प्रभावित है तो उसे मुलायम जूते या चप्पल पहनने चाहिए।

फाइलेरिया एक मच्छरजनित बीमारी

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ रितु बताती हैं कि फाइलेरिया एक मच्छरजनित बीमारी है। यह गंदे पानी में पनप रहे मच्छरों के काटने से होता है। इसलिए जहां भी पानी इकट्ठा होगा वहां मच्छर पनपेंगे।

इस मौके पर फूलमती माता फाइलेरिया रोगी सहायता समूह के पांच सदस्यों सहित कुल 11 फाइलेरिया के मरीजों को प्रशिक्षण दिया गया।

इस मौके पर प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक चंद्रभान शर्मा, आशा कार्यकर्ता सुशीला, एएनएम सीमा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अल्पना यादव और सीफार के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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