बिहार

 बदलते मौसम में बच्चों में निमोनिया का खतरा अधिक,रखे सावधानी

-बुखार, खाँसी, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षणों की समय पर करें पहचान

– निमोनिया से बचाव में पीसीवी टीका है कारगर

मोतिहारी,02नवम्बर।बदलते मौसम में कमजोर या कम प्रतिरोधक क्षमता वाले बच्चों को निमोनिया होने का खतरा बढ़ जाता है।सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने इसकी जानकारी देते बताया कि निमोनिया एक संक्रामक रोग है जो बदलते मौसम मे बच्चे को चपेट मे लेता है।उन्होंने बताया कि फेफड़ों की क्षमता को प्रभावित करता है। जिससे बच्चों को सांस लेने में तकलीफ,खाँसी,बुखार,शरीर में दर्द और थकावट जैसी समस्याएँ होने लगती हैं।ऐसे लक्षण दिखाई देते ही पूरी सावधानी बरतते हुए तुरंत चिकित्सीय प्रबंध करना जरूरी है। देर होने पर परेशानी बढ़ सकती है।

डीएस डॉ एसएन सिंह ने कहा कि इस मौसम में माता पिता को बच्चों को गर्म कपडे पहनाना चाहिए, गर्म व संतुलित आहार देना चाहिए, छोटे बच्चे के डाइपर को सही समय पर बदलते रहना चाहिए।उन्होंने कहा कि उचित खान पान निमोनिया से सुरक्षा का सबसे कारगर तरीका है।

-निमोनिया से बचाव में पीसीवी वैक्सीन कारगर

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि पीसीवी वैक्सीन बच्चों को निमोनिया से बचाने में सहायक होता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इसे भी नियमित टीकाकरण में शामिल किया गया है। इसे तीन खुराकों में दिया जाता है तथा यह बच्चों को निमोनिया से बचाने में अहम् भूमिका अदा करता है। 2 साल से कम आयु के बच्चों और 2 से 5 साल के बच्चों को अलग अलग निमोनिया के टीकों की सलाह दी जाती है।

उन्होने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार,निमोनिया से ग्रसित होने का खतरा 5 साल से कम उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा है। दुनिया भर में होने वाली बच्चों की मौतों में 15 प्रतिशत केवल निमोनिया हैं। यह रोग शिशुओं के मृत्यु के 10 प्रमुख कारणों में से एक है, जिसका मुख्य कारण कुपोषण और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता भी है।

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