दिल्ली

दिल्ली सरकार के 800 स्कूल के प्रमुखों से उपमुख्यमंत्री ने की बात-चीत

नई दिल्ली, 16 जून । उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए सीखने संबंधी लक्ष्य और रणनीति तय करने के लिए गुरुवार को दिल्ली सरकार के स्कूलों के स्कूल प्रमुखों के साथ बातचीत की और उनके सुझाव लिए। इस बातचीत में दिल्ली सरकार के 800 से अधिक स्कूल प्रमुखों ने भाग लिया।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री कहा कि “दिल्ली सरकार का उद्देश्य अपने स्कूलों में आने वाले सभी बच्चों को सीखने के लिए एक सम्मान जनक स्थान देना है और यदि हम ये सुनिश्चित नहीं कर पाए तो यह उन बच्चों के साथ अन्याय होगा जिन्होंने हमारे स्कूलों को किसी दुसरे स्कूल के विकल्प में चुना है।”

इसके साथ ही सिसोदिया ने स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिया कि सभी स्कूल प्रमुख अब अपने स्कूल में स्कूल की बिल्डिंग, साफ-सफाई, क्लासरूम की सुन्दरता, माहौल और बच्चों की पढ़ाई के स्तर को लेकर मिनिमम बेंचमार्क तैयार करें।

उन्होंने कहा पिछले सात सालों में सरकार ने स्कूलों पर काफी काम किया है और शिक्षा का एक शानदार मॉडल दिया है, लेकिन अब ये स्कूल प्रमुखों की जिम्मेदारी है कि वह अपनी जवाबदेही तय करते हुए अपने स्कूल के लिए स्वयं एक मिनिमम बेंचमार्क तैयार करें और ये सुनिश्चित करें कि स्कूल में कुछ भी उस न्यूनतम रेखा से नीचे न हो और इस बात की गारंटी ले कि जो कुछ हो उससे बेहतर हो।

इसके लिए सरकार स्कूलों को हर जरुरी सुविधाएं और पैसा उपलब्ध करवाएगी। इसके साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा समय-समय पर स्कूल जाकर ये निरीक्षण किया जाएगा कि स्कूलों में सभी चीजों का ध्यान रखा जा रहा है या नहीं।

आगे उपमुख्यमंत्री ने कहा कि “मिशन बुनियाद की क्लासेज हाल ही में समाप्त हुई हैं और इसमें हमारे स्कूलों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन हमें अपनी भविष्य की रणनीतियों के बारे में अभी से सोचने की जरूरत है, ताकि पिछले दो वर्षों में महामारी के कारण जो लर्निंग गैप आया है उसे खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्कूल खुलने के बाद सिलेबस को पूरा करने की कोई जल्दी न हो बल्कि बच्चों में व्यवहारिक समझ विकसित करने पर काम किया जाए।

वहीं, बिजनेस ब्लास्टर्स पर चर्चा करते हुए सिसोदिया ने प्रिंसिपलों से कहा कि बिजनेस ब्लास्टर्स के अगले सीजन के लिए आइडियाज को चुनते समय स्कूल प्रमुख उन आइडियाज के अनूठेपन, ग्राहकों को इसके लाभ, टीम की ताकत, जुनून और उत्साह और प्रस्तुति की गुणवत्ता पर ध्यान दे।

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