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बीएसजी ने स्थिरता प्राप्ति के लिए वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता पर दिया बल

नई दिल्ली 30 अक्टूबर। सोका गाक्काई इंटरनेशनल (एसजीआई) की भारतीय सहयोगी संस्था भारत सोका गाक्काई (बीएसजी) ने महामारी के बाद के युग की ओर बढ़ती दुनिया में मानवता को पुनर्जीवित करने का रास्ता खोजने के लिए एक शांति और स्थिरता सम्मेलन का आयोजन किया।

सभी को स्थिरता की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, भारत सोका गाक्कई ने कॉन्क्लेव में एक अद्वितीय एसडीजी मोबाइल ऐप – एसडीजी पर वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म – लॉन्च किया। यह ऐप लोगों को एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उनके योगदान को मापने में सक्षम करेगा।

राष्ट्रीय राजधानी के डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित सम्मेलन एसजीआई के अध्यक्ष दाईसाकु इकेदा द्वारा संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को भेजे गए उनके शांति प्रस्तावों पर आधारित था। इन प्रस्तावों में उन्होंने स्थिरता प्राप्ति के लिए वैश्विक एकजुटता बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है।

इकेदा हर साल संयुक्त राष्ट्र को एक शांति प्रस्ताव भेजते हैं। उनका इस वर्ष का प्रस्ताव और भी महत्वपूर्ण हो गया है,क्योंकि महामारी ने संयुक्त राष्ट्र के 2030 में लक्षित सतत विकास उद्देश्यों को नुकसान पहुंचाया है। कॉन्क्लेव ने भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष और एसजीआई के अध्यक्ष दैसाकू इकेदा की शांति की खोज के 75 वर्ष जैसी दो महत्वपूर्ण घटनाओं का स्मरण किया।

एसजीआई के अध्यक्ष दाईसाकु इकेदा इकेदा का मानना है कि महामारी ने इस तथ्य को बिलकुल स्पष्ट कर दिया है कि वैश्विक समस्याएं आपस में गहनतम रुप से जुड़ी हुई हैं तथा दूर के स्थानों की चुनौतियां स्थानीय समुदायों में शीघ्र अपना मार्ग खोज लेंगी।

कॉन्क्लेव में फिल्म अभिनेत्री और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सद्भावना राजदूत, दीया मिर्जा ने कहा, “मैं हमेशा उन विचारों के प्रति आकर्षित हुई हूं जो पृथ्वी के साथ हमारे गहरे संबंध को संबोधित करते हैं। मेरा मानना है कि हर व्यक्ति एक स्थायी ग्रह के निर्माण में योगदान दे सकता है और इसलिए घर पर मैं सिंगल यूज प्लास्टिक का बिल्कुल भी उपयोग नहीं करती हूं।”

उन्होंने कहा, “पर्यावरण के लिए मेरी चिंता तब और बढ़ गई जब एक गर्भवती मां के रूप में, मुझे पता चला कि प्लास्टिक के कण बच्चों के गर्भनाल और रक्तप्रवाह में पाए गए हैं।” मिर्जा ने आगे कहा, “महामारी ने हमें इस बात की भी झलक दी कि अगर हम प्रकृति के साथ अपने संबंधों को नहीं सुधारा तो हमारा भविष्य क्या हो सकता है। इसलिए, मेरे लिए, सतत विकास लक्ष्य ऐसे विचार नहीं हैं जिन्हें केवल सरकारें ही लागू कर सकती हैं, हालांकि उन्हें करना चाहिए। मिर्जा ने कहा, इसे साकार करना सभी की जिम्मेदारी है।

समाज सेवी और सामाजिक उद्यमी अमित सचदेवा ने कहा, “शांति और स्थिरता तभी हासिल की जा सकती है, जब हम सब ‘प्रकृति के साथ’ और “एक दूसरे के साथ’ एक हों। भारत सोका गाक्काई अपनी स्थापना के बाद से ही शांति और सद्भावना को बढ़ावा देकर, ठीक ऐसा ही कर रहा है। बीएसजी का शांति एवं स्थिरता सम्मलेन उस दिशा में एक और कदम है।”

भारत सोका गाक्काई के अध्यक्ष विशेष गुप्ता ने इस बात पर बल दिया कि शांति और स्थिरता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने कहा, “भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर, यह आवश्यक है कि हम में से प्रत्येक एक शांतिपूर्ण और टिकाऊ भारत के निर्माण के लिए सामूहिक रूप से काम करे। इस दिशा में, बीएसजी कई व्यक्तियों, विशेष रूप से युवाओं को जीवन के तरीके के रूप में स्थायी मानव व्यवहार को अपनाने के लिए सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो 2030 तक एक नया भारत बनाने में मदद करेगा।”

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