तमिलनाडु से आये प्रतिनिधियों ने किया गंगा स्नान,पूजन अर्चन
वाराणसी, 27 नवम्बर। काशी तमिल संगमम् में भाग लेने आये तमिलनाडु के चौथे दल ने रविवार को हनुमान घाट पर गंगा स्नान के बाद घाट स्थित प्राचीन मंदिरों में दर्शन पूजन किया। हनुमान घाट स्थित तमिल महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती के घर का भ्रमण किया और उनके परिजनों से मुलाकात की। यहां से दल काशी विश्वनाथ धाम के त्रयंम्बक कॉरिडोर आडिटोरियम में आयोजित एकेडमिक कार्यक्रम में शामिल हुआ।
श्री काशी विद्वत्परिषद् की ओर से आयोजित कार्यक्रम में तमिलनाडु चेन्नई के एमजीआर मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति सुधा सेशय्यन ने भगवान शिव के आध्यात्मिक स्वरूप पर चर्चा की। ज्ञान की गंगा बहा उन्होंने बताया कि शिव के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन है। नटराजन के रुप में भगवान शिव तमिलनाडु में ज्यादा पूजित है । उन्होंने कहा कि काशी विद्वत्परिषद् ने जो सम्मान किया है हम सब तमिलनाडु के लोग आनन्दित है ।
कार्यक्रम में विद्वत्परिषद् के अध्यक्ष पद्मभूषण प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी ने आध्यात्मिक ज्ञान पर संवाद किया। उन्होंने शिव की महिमा का वर्णन किया। द्वितीय सत्र में कांची कामकोटि के वनवाणी विद्यासागर ने भगवान शिव के पंच स्वरुपों पर चर्चा की। विद्वत्परिषद् के सदस्य प्रो. ह्रदय रंजन शर्मा ने शिव को सखा तथा भूमि अधिपति देवता के रुप में बताया।
लोयला कालेज चेन्नई के डा. अरुणाचल पालवर्यन ने कहा कि काशी की महिमा अद्भुत है। महाकवि भारती ने कहा था कि काशी में चर्चा हो वह तमिलनाडु कांची में सुनाई दे । संस्कृत और तमिल भाषा का संगमम् अद्भुत है।
कार्यक्रम का संचालन परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम में कमिश्नर कौशल राज शर्मा, विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा सुनील वर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। तमिलनाडु से आए 216 आध्यात्मिक डेलीगेट्स ने काशी-तमिल संगमम के इस आध्यात्मिक सत्र में हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में सुब्रमण्यम मणि, काशी विद्वत्परिषद् के अन्तर्राष्ट्रीय राष्ट्रीय संयोजक डा रमण त्रिपाठी, प्रो. राम किशोर त्रिपाठी, शिक्षाविद पद्मश्री चमू कृष्ण शास्त्री आदि ने भी भागीदारी की।