हरियाणा के किसानों की आय में इजाफा, अन्य राज्यों के किसानों को पछाड़ा
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने दावा किया है कि प्रदेश में किसानों की आय में वृद्धि हुई है। आय के मामले में हरियाणा के किसानों ने पड़ोसी राज्यों के किसानों को पछाड़ दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हवाले से मंगलवार को सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।
प्रवक्ता के मुताबिक हरियाणा उन शीर्ष तीन राज्यों में शामिल हो गया है, जहां किसानों की आय 20,000 रुपये प्रति माह से अधिक है। राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण संगठन के अनुसार हरियाणा में किसानों की मासिक आय 22841 रुपये है। यह पहले 14434 रुपये थी। हरियाणा सरकार ने अपनी किसान हितैषी पहल के साथ यूपी जैसे अन्य बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया, जहां किसान आय 8061 रुपये दर्ज की गई है । इसी तरह आंध्र प्रदेश में यह 10480 रुपये; महाराष्ट्र में 11492 रुपये और मध्य प्रदेश में 8339 रुपये दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि हरियाणा ऐसा राज्य है जो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं, धान, जौ, बाजरा, मूंग, मूंगफली, सरसों, मक्का, उड़द, तिल, चना, अरहर, कपास और सूरजमुखी सहित 14 फसलों की खरीद करता है। पिछले चार साल में सिर्फ गेहूं और चावल बेचकर यहां के किसानों ने 102436 करोड़ रुपये कमाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा देश के पहले राज्यों में है जहां बागवानी के लिए भावांतर भरपाई योजना जैसी विभिन्न किसान कल्याण योजनाएं लागू की गई है। कई बार कृषि उपज की कम कीमतों के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 21 बागवानी फसलों को भी भावांतर भराई योजना में शामिल किया है और ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल’ पर पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। फलों और सब्जियों के दाम बाजार में कीमत से कम होने पर किसानों को नुकसान नहीं होगा। सरकार उस कमी को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को कपास, सरसों और गेहूं के लिए लाभकारी मूल्य मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य कृषि में सुधार करना है और किसानों को जीरो बजट खेती और जैविक खेती की ओर प्रोत्साहित करना है। इस वर्ष के बजट में राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 25-25 एकड़ के 100 क्लस्टर बनाने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि इस खेती को अपनाने वाले किसानों को तीन साल की अवधि के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
एग्री बिजनेस और सूचना केंद्र किए जा रहे स्थापित
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि एग्री बिजनेस और सूचना केंद्र सभी जिला मुख्यालय मंडियों में स्थापित किए जा रहे हैं ताकि बाजार, कृषि संबंधी सेमिनारों, कार्यशालाओं, क्रेता-विक्रेता बैठकों आदि की जानकारी प्रदान की जा सके। इन केंद्रों में कृषि विकास अधिकारी भी हैं और किसानों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान करते हैं और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता सुधार में मदद करते हैं। सिरसा और हिसार में ऐसे दो केंद्रों को पहले ही चालू कर दिया गया है और सभी जिला मुख्यालयों में केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव है।
पंचकूला और गुरुग्राम में स्थापित होंगे किसान बाजार
किसानों को अपनी उपज सीधे उपभोक्ताओं को बेचने का अवसर प्रदान करने और किसानों को उनकी फसल के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त हों उसके लिए पंचकूला और गुरुग्राम में दो किसान बाजार स्थापित किए जा रहे हैं। यह किसान बाजार कृषि/बागवानी विशेषज्ञों के सहयोग से किसानों को सूचना के प्रसार और तकनीकी इनपुट और जानकारी प्रदान करने के लिए एक नोडल बिंदु भी होंगे। यह गुणवत्ता नियंत्रण और प्रमाणन उपायों को शुरू करके किसानों को अपनी उपज का मूल्य जोड़ने में भी मदद करेगा।