राष्ट्रीय

आठ बिलियन के संसार में अमीरों और गरीबों के बीच की खाई को पाटने की है जरूरत : यूएन

नई दिल्ली, 15 नवंबर । जहां एक ओर लोग बढ़ती जनसंख्या को समस्याओं का कारण मानते हैं वहीं संयुक्त राष्ट्र (यूएन) इसे समस्या नहीं मानता है। बल्कि यूएन का तर्क है कि सभी लोगों तक मूलभूत संसाधनों की पहुंच होनी चाहिए। जिससे एक बेहतर संसार का निर्माण हो सके और सभी प्रसन्नता से जीवन यापन कर सकें।

15 नवंबर 2022 को वैश्विक जनसंख्या आठ बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का कहना है कि आठ बिलियन के इस संसार में हमें मिलकर अमीरों और गरीबों के बीच की खाई को पाटने की जरूरत है। जिससे संसार में सभी सुख पूर्वक जीवन यापन कर सकें।

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) भारत और भूटान की निदेशक, एंड्रिया वोज्नार का कहना है कि दुनिया के सभी देशों को मिलकर एक ऐसे विश्व का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए जिसमें सभी 08 बिलियन लोग गरिमामय जीवन व्यतीत कर सकें। एंड्रिया का कहना है कि वैश्विक जनसंख्या का आठ बिलियन पहुंचना, मानवता के लिए एक सफलता की कहानी है। यह जनसंख्या वृद्धि, गरीबी और जलवायु परिवर्तन के बीच संबंधों के बारे में भी चिंतन का अवसर प्रदान करता है।

उल्लेखनीय है कि भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि यहां जनसंख्या वृद्धि दर स्थिर दिखाई दे रही है। कमोबेश प्रजनन दर- प्रति महिला पैदा होने वाले बच्चों की औसत संख्या – राष्ट्रीय स्तर पर 2.2 से घटक 2.0 हो गई है। भारत के पास विश्व में सबसे अधिक युवाओं की आबादी है। जबकि विश्व के कई हिस्सों में बुजुर्ग आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है।

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