प्रदेश सरकार ने गन्ने के भाव में दस रुपये की बढ़ोतरी, किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च
सोनीपत
प्रदेश सरकार की तरफ से गन्ने के भावों में दस रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा किसानों को रास नहीं आ रही है। किसान सरकार से पंजाब के समान भाव देने की उम्मीद कर रहे है। रोषित किसानों ने बुधवार को सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन जारी रखा। किसानों ने धरने प्रदर्शन को समाप्त करने से साफ-साफ मना कर दिया। किसानों ने सरकार के विरोध में कामी रोड से लेकर लघु सचिवालय परिसर तक ट्रैक्टर मार्च निकाला। किसानों ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
बता दें कि प्रदेश में गन्ने का भाव 362 रुपए प्रति क्विंटल था, किसान 20 जनवरी से ही गन्ने का भाव 450 रुपए प्रति क्विंटल किए जाने की मांग को लेकर सोनीपत चीनी मल सहित प्रदेश की सभी चीनी मिलों के बाहर धरने पर बैठे हुए है। यही नही चीनी मिल के गेट पर ताला जड़ दिया गया है। ऐसे में कई कई दिनों से चीनी मिलों में नो केन की स्थिति बनी हुई है। यार्ड में गन्ना न होने के चलते पेराई सत्र बंद पड़ा है। ऐसे में इस विवाद को सुलझाने के लिए सरकार द्वारा बुधवार को गन्ने का रेट 10 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने की घोषणा कर दी गई। हालांकि सरकार की यह घोषणा किसानों को खुश नही कर पाई।
किसानों के समर्थन में उतारी सरपंच एसोसिएशन-
गन्ने का भाव बढ़ाने की मांग को लेकर बुधवार को किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला। जिसके समर्थन में सोनीपत ब्लाक सरपंच एसोसिएशन भी आई। बड़ी संख्या में सरपंच ट्रैक्टरों पर सवार होकर ट्रैक्टर मार्च में शामिल हुए तथा सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द किसानों की मांगों को पूरा करे। ट्रैक्टर मार्च कामी रोड स्थित चीनी मिल के गेट से शुरू हुआ और वापस वही पर समाप्त हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रतीकात्मक पुतले का दहन भी किया गया। सरपंचों ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को गंभीरता से नही ले रही है।
शहर में बनी जाम जैसी स्थित, तैनात रहे पुलिस कर्मी
किसानों के ट्रैक्टर मार्च के चलते बुधवार को शहर में जाम जैसी स्थिति बन गई। शहर के देवीलाल चौक, गीता भवन रोड आदि मार्गों को जाम के कारण वाहन चालकों को कुछ समय के लिए परेशानी झेलनी पड़ी। किसानों से ट्रैक्टर मार्च के साथ-साथ शहर में कुछ संगठनों द्वारा तिरंगा यात्रा भी निकाली गई। जिसकी वजह से भी जाम जैसी स्थिति सडकों पर दिखाई दी। हालांकि ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए पुलिस तैनात रही। प्रमुख चौकों पर ट्रैफिक पुलिस के जवानों की स्पेशल तैनाती की गई थी।