वैश्विक परिप्रेक्ष्य को आत्मसात करते हुए ”भारतीयता” में निहित है राष्ट्रीय शिक्षा नीति : अमित शाह
हमारी शैक्षिक आकांक्षाएं वैश्विक होनी चाहिए: धर्मेंद्र प्रधान
नई दिल्ली, 29 जुलाई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 वैश्विक परिप्रेक्ष्य को आत्मसात करते हुए “भारतीयता” में निहित है। उन्होंने कहा कि यह ज्ञान और संस्कृति को समृद्ध करती है और समाज की आकांक्षाओं के साथ जुड़ी हुई है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की शुरुआत के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह शुक्रवार को शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित कई नई पहलों का शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमारे दिमाग को उपनिवेश बनाने के लिए बनाई गई मैकाले की शिक्षा प्रणाली की मारक है।
एनईपी को देशभर में लागू करने के लिए राज्यों से सहयोग की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि राज्यों के सहयोग के बिना इस नीति को जमीन पर उतारने का सपना साकार नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि एनईपी देश की जड़ों के अनुरूप है और इसे पूरे देश से अभूतपूर्व स्वीकृति मिली है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 21वीं सदी ज्ञान की सदी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 देश के विकास के लिए ज्ञान को दिशा देने के लिए है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य चरित्र, सहानुभूति, साहस का विकास करना और छात्रों को जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करना है। शिक्षा ही भारत को सफलता के शिखर तक पहुंचा सकती है। समाज उम्मीदों के साथ हमारी ओर देख रहा है और इसे पूरा करने की उम्मीद कर रहा है। हमारी शैक्षिक आकांक्षा न केवल डिग्री और प्रमाण पत्र अर्जित करने की है, बल्कि वैश्विक अच्छाई हासिल करने की भी है।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक महान भारत के निर्माण की नींव है और यह यह प्रतिभावान नागरिक तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र की जड़ों के साथ तालमेल बिठाती है और इसे पूरे देश से अभूतपूर्व स्वीकृति मिली है। नीति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि मजबूत सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली एक संपन्न लोकतांत्रिक राष्ट्र की नींव है। एनईपी का उद्देश्य ऐसे नागरिकों का विकास करना है जो वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के साथ राष्ट्रीय गौरव को वैश्विक भलाई के साथ जोड़ते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कहा कि आज से ठीक दो साल पहले जब विश्व महामारी के कारण अनिश्चितता के दौर में था, उस समय भारत ने चुनौती को अवसर में बदलते हुए नई शिक्षा नीति पेश की थी। उन्होंने कहा कि हमारी शैक्षिक आकांक्षा न केवल डिग्री और प्रमाण पत्र अर्जित करने की है, बल्कि वैश्विक अच्छाई हासिल करने के लिए भी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मैकाले की शिक्षा प्रणाली के लिए एक मारक है जिसे हमारे दिमाग को उपनिवेश बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
अमित शाह द्वारा आज शुरू की गई पहलों में डिजिटल शिक्षा, नवाचार, शिक्षा एवं कौशल विकास में सामंजस्ये, शिक्षक प्रशिक्षण और आकलन जैसे क्षेत्रों सहित शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्षेत्रों के पूरे दायरे को शामिल गया है।