राष्ट्रीय

प्रकृति के साथ प्रगति हमारा मंत्र होना चाहिए: मुख्यमंत्री शिवराज

भोपाल, 16 जनवरी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अच्छे भविष्य के लिए पर्यावरण-संरक्षण आवश्यक है। इस नाते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 में विचार का विषय “वन अर्थ, वन फैमिली और वन फ्यूचर” रखा है। प्रकृति के साथ प्रगति हमारा मंत्र होना चाहिए। दरअसल ये दुनिया को बचाने का मंत्र है। अंधी प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए। पूरा विश्व एक परिवार है। भोपाल में जी-20 के अंतर्गत थिक 20 बैठक के विचार सत्र महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगे।

मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में जी-20 के अंतर्गत थिंक 20 बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान और अन्य अतिथियों ने दीप जलाकर बैठक के उद्घाटन सेशन का शुभारंभ किया। दो दिवसीय बैठक पर्यावरण सम्मत जीवनशैली, नैतिक मूल्य और सुमंगलम वैश्विक सुशासन के लिए परस्पर सहयोग पर केंद्रित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अद्भुत नेतृत्व क्षमता के धनी हैं। उन्होंने भारत की प्रतिष्ठा में वृद्धि की है। जी-20 की अध्यक्षता प्राप्त होना भारत की उपलब्धि है। हमारे देश में प्राचीन समय से यह विचार रहा है कि पूरा विश्व एक कुटम्ब की तरह है। ओंकारेश्वर में एकात्म धाम के अंतर्गत आदि शकराचार्य आचार्य शंकर की विशाल प्रतिमा और अंतरराष्ट्रीय अद्वैत संस्थान स्थापित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज सारी दुनिया को एक होने की जरूरत है। मनुष्यों के साथ पशु-पक्षियों का अस्तित्व भी महत्वपूर्ण है। प्राणियों की अनेक प्रजातियाँ खत्म हो रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से नामीबिया से चीते लाकर मध्य प्रदेश में बसाए गए हैं। मध्य प्रदेश टाइगर, लेपर्ड, गिद्ध और घड़ियालों के संरक्षण के लिए जाना जाता था। अब मध्य प्रदेश चीता स्टेट भी बन गया है। उन्होंने मध्य प्रदेश की विशिष्ट वन्य-प्राणी संपदा की जानकारी भी डेलिगेट्स को दी।

मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश में बिजली बचाओ, जल-संरक्षण, पर्यावरण-संरक्षण, नवकरणीय ऊर्जा के उपयोग, बेटी बचाओ अभियान एवं लाडली लक्ष्मी योजना के सफल क्रियान्वयन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी का महत्व बढ़ रहा है। सौर ऊर्जा का उत्पादन बांधों की जल राशि के माध्यम से भी करने की पहल की गई है।

चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” का आह्वान कर जल के पूर्ण उपयोग के लिए संकल्पित हैं। उनके नेतृत्व में भारत विकास की ओर अग्रसर है। उन्होंने आने वाले वर्षों में विभिन्न लक्ष्य तय किए हैं। उन्होंने पंचामृत का मंत्र दिया है। इनमें प्रमुख रूप से नवकरणीय ऊर्जा के उपयोग और कार्बन उत्सर्जन कम करने के साथ ही मजबूत अर्थ-व्यवस्था बनाने के लक्ष्य शामिल हैं। सीओपी-26 में उन्होंने कहा था कि भारत, वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो) का लक्ष्य हासिल करेगा। वर्ष 2030 तक भारत अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को लगभग आधा कर लेगा। इसी तरह नवकरणीय ऊर्जा में भारत की स्थिति विश्व में चौथे क्रम पर है, उसमें भी सुधार लाया जाएगा। वन अर्थ, वन फेमिली और वन फ्यूचर का सिद्धांत महत्वपूर्ण है। हमारी प्राथमिकता भी प्रकृति के साथ प्रगति है। मध्य प्रदेश में हो रहा पौधरोपण इसका प्रमाण है। जलाभिषेक अभियान से साढ़े चार लाख जल- संरचनाएँ निर्मित हो गई हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने प्रारंभ में वैचारिक कार्यक्रम में आए अतिथियों का मध्य प्रदेश की जनता की ओर से स्वागत करते हुए साँची बौद्ध स्तूप, भीमबैठका के प्राचीनतम शैल चित्र और भोपाल का ट्राइबल म्यूजियम देखने का आग्रह किया।

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