अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती महिलाओं ने की स्तुति
लखनऊ, 30 अक्टूबर। लखनपुरी छठ माई की भक्ति सराबोर दिखी। शहर के आदि गंगा गोमती के तट पर बने घाटों पर एक साथ अंसख्य दीपक जगमगा उठे, मानों आकाश के टिमटिमाते तारे धरा पर आज आ गए हों। नदी के जल में खड़े होकर हाथ में पकवान, मौसमी फल व अन्य नैवेद्य लिए व्रती महिलाओं ने सूर्य को अर्ध्य दिया। वही कुछ महिलाओं में अपने घर में क्रतिम रूप से र्नििमत बनाए जलाशय में खड़े होकर अर्ध्य दिया। छठ माई का गुणगान करते लोक गीत शहर की हवा में तैर रहे थे । एक भक्तिपूर्ण वातावरण पूरे नगर में छाया रहा। कार्तिक शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि से शुरू हुए महाव्रत के तीसरे दिन रविवार को व्रती महिलाओं ने अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया। सोमवार को पुनः उदय होते हुए सूर्य को सूर्य अर्घ्य प्रदान कर व्रत पूर्ण करेंगी।
छठ महाव्रत के तीसरे दिन रविवार को लोक आस्था के पर्व की छटा दोपहर से ही दिखाई देखने लगी। व्रती महिला के परिवार के सदस्यों में पुरूष सिर पर नैवेद्य से भरी डलिया, कोई गन्ना लिए चला जा रहा था। कुछ तो नंगे पैर ही चल रहे थे। सबसे कदम नदी घाट की ओर ही बढ़ रहे थे।
गोमती तट के लक्ष्मण मेला मैदान के छट घाट, पक्कापुल के पास स्थित सांझिया घाट के पुराने शहर के कुड़िया घाट, झूलेलाल घाट, चित्रगुप्त धाम घाट के एचएएल, कुकरैल सहित अन्य पर भी महिलाओं ने अस्तांचल गामी सूर्य को दिया। छट घाट पर तो हजारों की संख्या में महिलाओं ने पहले सुशोभिता पर छठ माई की पूजा की। यहां ईख का मंडप बनाया गया था, उसकी फूलों व दूसरी सामग्री से पूजा की। दिए प्रज्जवलित किए। यहां पर अखिल भारतीय भोजपुरी समाज की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम व सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया। समाज के अध्यक्ष प्रभु नाथ राय और प्रशासन की ओर से पूजा के लिए आने वाले भक्तों के लिए खास इंतजाम कई दिन पहले से किए जा रहे थे। यहां पर आजमगढ़ से मुन्ना लाल का लिल्ली घोड़ी का दल भी मनोरंजन कर रहा था।
वहीं पक्कापुल स्थित सांझिया घाट पर भारी संख्या में व्रती महिलाओं ने पूजा की। यहां पर भोजपुरी छट पूजा समिति की ओर से और प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किए गए । व्रती परिवार के साथ आईं आस्था सिंह ने बताया कि हमारे यहां पुत्र की कामना के साथ व्रत शुरू किया था, जो पुरी हो गई। आस्था ने बताया इसे कुंवारी कन्याएं भी पति की कामना के लिए कर सकती है। उन्होंने पूजा की फिर अर्घ्य दिया।
इंदिरा नगर के आम्रपाली से आई नेहा ने बताया कि हमारे यहां पुत्र की कामना के साथ व्रत की शुरूआत हुई थी, जो पूरी हो गई थी। वहीं एक बुजुर्ग व्रत महिला ने बताया कि रात को जागरण होगा और भजन करेगे। सोमवार को सुबह आकर पुनः सूर्य को अर्घ्य देंगे।