हरियाणा

बागवानी फसलों की नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने चलाई है मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना

बीमित फसलों पर न्यूनतम 15 हजार रुपये से लेकर 40 हजार रुपये प्रति एकड़ तक की मुआवजा राशि निर्धारित


सोनीपत, 02 सितंबर। उपायुक्त ललित सिवाच ने बताया कि बागवानी फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए हरियाणा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को प्रति एकड प्रीमीयम राशि 2.5 प्रतिशत सब्जियों मसालों के लिए 750 रुपये प्रति एकड़ व फलों के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ देना होगा। सब्जियों एवं मसालों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि प्रति एकड़ 15000 रुपये व अधिकतम 30000 रुपये तथा फलों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि 20000 रुपये व अधिकतम 40000 रुपये होगी।
उपायुक्त सिवाच ने बताया कि सरकार द्वारा लागू की गई इन योजनाओं का लाभ उठाकर किसान फसलों को होने वाले प्राकृतिक नुकसान की भरपाई कर सकते हैं और साथ ही उत्पादन के बाद होने वाले जोखिम को भी कम किया जा सकता है। किसानों की समस्याओं का ध्यान रखते हुए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना और बागवानी बीमा योजना को लागू किया गया है। योजना के माध्यम से किसान फल एवं सब्जियों के उतार चढ़ाव वाले भाव के खतरे से मुक्त हो सकते हैं और सरकार की योजना का लाभ उठाकर उचित दाम प्राप्त कर सकते हैं।
उपायुक्त सिवाच ने बताया कि किसानों को फसल विविधीकरण के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत मुआवजा व मूल्य के रूप में प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाती है। योजना के तहत आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन भिंडी मिर्च, करेला, बंद गोभी, मूली, किन्नू, अमरूद, चीकू, आड़ू, आलूबुखारा, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन व हल्दी आदि फसलों को सूचीबद्ध किया गया है। इन सभी फसलों के संरक्षित मूल्य सरकार द्वारा पहले से निर्धारित किए गए है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्यों से कम बिक्री होने पर जो नुकसान होगा उसकी भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को की जाएगी।
उपायुक्त ने बताया उत्पादन से पूर्व होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत उत्पादक किसान इन फसलों का बीमा भी करवा सकते हंै। योजना के तहत सब्जियों व मसालों पर 30 हजार रुपये प्रति एकड़ का बीमा किया जाता है, जिसके लिए किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होता है। वहीं फलों की खेती पर एक हजार रुपये प्रति एकड़ का प्रीमियम देखकर किसान 40 हजार रुपये प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए उत्पादक का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है।
उपायुक्त ने बताया कि 26 से 50 प्रतिशत नुकसान होने पर सब्जियों व मसालों पर प्रति एकड़ 15 हजार रुपये तथा फलों के लिए 20 हजार रुपये प्रति एकड़, 51 से 75 प्रतिशत नुकसान होने पर सब्जियों व मसालों पर प्रति एकड़ 22 हजार 500 रुपये तथा फलों के लिए 30 हजार रुपये प्रति एकड़ तथा 75 से 100 प्रतिशत तक नुकसान होने पर सब्जियों व मसालों पर प्रति एकड़ 30 हजार रुपये तथा फलों के लिए 40 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। उपायुक्त ने बताया कि प्राकृतिक आपदाएं द्वारा खराब फसल का सर्वेक्षण समिति द्वारा किया जाएगा जो कि उसी के आधार पर ही मुआवजा राशि का भुगतान करेंगे। किसान बीमा योजना हेतू अपना पंजीकरण विभाग की वेबसाइट  http://mbby.hortharyana.gov.in  पर कर सकते हैं।

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