जैविक खेती को अपनाकर भूमि सुधार कर उसे पुनर्जीवित करने का स्वच्छ तरीका : बडौली
विधायक मोहनलाल बड़ौली कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए।
राई। संपूर्ण विश्व में बढ़ती हुई जनसंख्या एक गंभीर समस्या है, बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ भोजन की आपूर्ति के लिए मानव द्वारा खाद्य उत्पादन की होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह की रासायनिक खादों, कीटनाशकों का उपयोग, प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान के चक्र को प्रभावित करता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है, साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है। यह बात राई विधायक व प्रदेश महामंत्री मोहनलाल बडौली ने गांव अकबरपुर बरोटा में आॅर्गेनिक खेती के कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही। विधायक ने कहा कि पहले के समय में मानव स्वास्थ्य के अनुकुल तथा प्राकृतिक वातावरण के अनुरूप खेती की जाती थी, जिससे जैविक और अजैविक पदार्थो के बीच आदान-प्रदान का चक्र निरन्तर चलता रहा था, जिसके फलस्वरूप जल, भूमि, वायु तथा वातावरण प्रदूषित नहीं होता था। उन्होंने कहा कि जैविक खेती, खेती की पारम्परिक तरीके को अपनाकर भूमि सुधार कर उसे पुनर्जीवित करने का स्वच्छ तरीका है। उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को भूमि जांच से लेकर अन्य सभी प्रकार की व्यवस्थाएं और सुविधाएं दी जा रही है, ऐसे में किसान उनका फायदा उठाकर आॅर्गेनिक खेती की तरफ अग्रसर हो। इस मौके पर उनके साथ भाजपा नेता आजाद सिंह नेहरा आदि मौजूद थे।