विश्व शांति दूत एवं मानवता की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा की 113 वीं जन्मदिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन द्वारा भव्य कार्यक्रम का आयोजन
बेतिया, 26 अगस्त। सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में विश्व शांति एवं मानवता की प्रतिमूर्ति मदर टेरेसा की 113 वीं जन्मदिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ बुद्धिजीवियों, शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर विश्व शांति के लिए सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया।
इस अवसर पर संपूर्ण विश्व एवं विशेष रुप से दक्षिण एशिया में सुख, शांति, समृद्धि एवं विकास के लिए प्रार्थना की गई ,साथ ही यूक्रेन रूस संघर्ष ,फलस्तीन इजरायल संघर्ष ,पश्चिम एशियाई देशों में संघर्ष ,म्यांमार में संघर्ष एवं ताइवान चीन संघर्ष समाप्त करने की अपील के साथ ही इन देशों में युद्ध समाप्ति के लिए एवं स्थाई शांति स्थापित करने के लिए विशेष प्रार्थना की गई। इस अवसर पर अंतराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ0 एजाज अहमद (अधिवक्ता) एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ने संयुक्त रूप से कहा कि मदर टेरेसा विश्व शांति दूत एवं मानवता की प्रतिमूर्ति थी। युगोस्लाविया गणराज्य में 26 अगस्त 1910 ई0 को उनका जन्म हुआ था। 18 वर्ष की आयु से ही उन्होंने मानव सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। गरीब एवं असहाय बच्चों के लिए 1948 में कोलकाता स्थित एक विद्यालय की स्थापना की। इसके साथ ही मिशनरी ऑफ चैरिटी की स्थापना हुई। मदर टेरेसा ने यह साबित कर दिया कि सच्ची लगन एवं मेहनत से किया गया काम कभी निष्फल नहीं होता। 1996 उनकी संस्था मिशनरी ऑफ चैरिटी ने विश्व के 125 देशों में 755 निराश्रित गृह खोलें। जिसमें लगभग विश्व के 05 लाख लाख भूखे लोगों के लिए पेट भर भोजन उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हमें कोलकाता में मदर टेरेसा के साथ मिलकर मानवीय कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
डॉ एजाज अहमद, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल , डॉ अमित कुमार लोहिया,बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के शोधार्थी डॉ शाहनवाज अली, वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल ने संयुक्त रूप से कहा कि हमें मानवीय मूल्यों को जीवित रखते हुए भारतीय समाज में सुख, शांति, समृद्धि एवं विकास के साथ प्रेम, भाईचारा एवं आपसी सौहार्द की आवश्यकता है ताकि मानव जीवन को और भी सरल एवं सुलह बनाया जा सके। साथ ही विश्व के संघर्षरत देशों में युद्ध विराम एवं स्थाई शांति ही होगी मानवता की प्रतिमूर्ति विश्व शांति दूत मदर टेरेसा के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि।