राष्ट्रीय

आईएनएस विक्रांत के लिए अमेरिकी सुपर हॉर्नेट विमानों का स्की-जंप ट्रायल शुरू

– नौसेना को स्वदेशी विमानवाहक के लिए समुद्री लड़ाकू विमानों की तेजी से तलाश

– बोइंग एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट का स्की-जंप ट्रायल में किया जायेगा तकनीकी मूल्यांकन

नई दिल्ली, 24 मई । आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर देश को मिलने वाले स्वदेशी विमानवाहक आईएनएस ‘विक्रांत’ के लिए अमेरिकी नौसेना के दो सुपर हॉर्नेट विमानों ने गोवा में स्की-जंप ट्रायल शुरू कर दिया है। भारतीय नौसेना को स्वदेशी विमानवाहक के लिए समुद्री लड़ाकू विमानों की तेजी से तलाश है। नौसेना इसी साल की शुरुआत में समुद्री लड़ाकू विमान ‘राफेल मरीन’ का परीक्षण कर चुकी है। अब भारतीय नौसेना ने आईएनएस हंसा में बहु भूमिका वाले अमेरिकी लड़ाकू विमानों का उड़ान परीक्षण शुरू किया है।

अमेरिकी नौसेना के 2 बोइंग एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट गोवा में भारतीय नौसेना के आईएनएस हंसा में तट आधारित परीक्षण सुविधा (एसबीटीएफ) में 23 मई को पहुंचे थे। वाहक आधारित बहु भूमिका वाले बोइंग एफ/ए-18ई सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमानों ने उड़ान परीक्षण शुरू कर दिया है। इस सप्ताह चलने वाले अभ्यासों की श्रृंखला से दोनों सुपर हॉर्नेट जेट भारतीय नौसेना के साथ स्की-जंप ट्रायल करेंगे। मल्टीरोल कैरियर बेस्ड फाइटर (एमआरसीबीएफ) प्रतियोगिता के हिस्से के रूप में इन विमानों का तकनीकी मूल्यांकन किया जायेगा। अगर यह विमान परीक्षण में खरे उतरे तो 26 लड़ाकू विमान जल्द ही आईएनएस विक्रांत के डेक में शामिल होंगे।

हालांकि अमेरिकी कंपनी बोइंग इंडिया विमानवाहक पोत विक्रांत के लिए अपने एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान का आधिकारिक तौर पर पिछले साल अगस्त में स्की जंप परीक्षण का प्रदर्शन कर चुकी है। कंपनी की ओर से जारी आधिकारिक वीडियो में दिखाया गया था कि यूएस के नेवल एयर स्टेशन में पेटक्सेंट रिवर के किनारे सुपर हॉर्नेट शॉर्ट टेकऑफ लेकिन अरेस्ट रिकवरी सिस्टम से सफलतापूर्वक लॉन्च हो रहा है। यह डेक आधारित लड़ाकू जेट आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत से भी लॉन्च किया जा सकता है।

विमानवाहक आईएनएस ‘विक्रांत’ के लिए भारतीय नौसेना ने इसी साल जनवरी में गोवा स्थित आईएनएस हंसा में समुद्री लड़ाकू विमान ‘राफेल मरीन’ का भी परीक्षण किया था। राफेल जेट के समुद्री संस्करण ‘राफेल मरीन’ में एक अंडरकारेज और नोज व्हील, एक बड़ा अरेस्टर हुक, एक एकीकृत सीढ़ी जैसे कई अन्य मामूली अंतर हैं। स्की टेक-ऑफ के लिए राफेल-एम चार-पांच टन बाहरी भार (पूर्ण आंतरिक ईंधन के साथ) तक ले जा सकता है। कम आंतरिक ईंधन के साथ यह मिशन की आवश्यकताओं के आधार पर अधिक हथियार ले जा सकता है। भारत की जरूरतों के लिहाज से फ्रांसीसी कंपनी ने परमाणु सक्षम एक ‘राफेल मरीन’ स्की-जंप करने की क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए भारत भेजा था।

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