राष्ट्रीय

 जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज बढ़ा, दरारों की चौड़ाई में ठहराव

देहरादून, 19 जनवरी। जोशीमठ में गुरुवार को पानी का डिस्चार्ज बढ़ा है। हालांकि क्रेकोमीटर में मकानों की दरारों में चौड़ाई नहीं बढ़ने का संकेत राहत भरी खबर है। पर्वतीय नगरों में ड्रेनेज, सीवर सिस्टम की प्रभावी व्यवस्था बनाई जाएगी। जोशीमठ आपदा प्रबन्धन के कार्यों में धन की कमी आड़े हाथ नहीं आएंगी। मुस्तैदी से सर्वेक्षण कार्य और प्रभावितों से विचार विमर्श किया जा रहा है।

गुरुवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में सचिव, आपदा प्रबन्धन डा.रंजीत कुमार सिन्हा ने पत्रकारों को नियमित बीफ्रिंग में यह जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि 6 जनवरी को 540 एल.पी.एम.था। 18 जनवरी को 100 एल.पी.एम. हो गया है वहीं आज जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज बढ़कर 150 एल.पी.एम हो गया है। सीबीआरआई की ओर से भवनों की दरारों को नापने के लिए लगाए गए यंत्र क्रेकोमीटर से गत तीन दिनों में दरारों की चौड़ाई में बढ़ोतरी नही होने के संकेत मिले हैं।

सचिव, आपदा प्रबन्धन डा. सिन्हा ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव,अपर मुख्य सचिव वित्त, शहरी विकास, सचिव आपदा प्रबन्धन के साथ जोशीमठ में चल रहे राहत कार्यों के संबंध में बैठक की। राज्य सरकार और भारत सरकार के विभिन्न तकनीकी संस्थानों की ओर से कार्यों की स्थिति से मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई है। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में आपदा प्रबन्धन के कार्यों में पूरी मुस्तैदी से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि जोशीमठ में आपदा प्रबन्धन के कार्यों में किसी भी प्रकार की धन की कमी नही आने दी जाएगी। बैठक में शहरी विकास विभाग को प्रत्येक जिले में प्रभावी अर्बन टाउन प्लानिंग की तैयारी के निर्देश दिए गये हैं। पर्वतीय नगरों में ड्रेनेज एवं सीवर सिस्टम की प्रभावी व्यवस्था के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। चमोली जिला प्रशासन की ओर से जोशीमठ में मुस्तैदी से सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। जिला प्रशासन विस्थापितों से विचार-विमर्श भी कर रहा है। आपदा सचिव ने एक सवाल पर कहा की जोशीमठ और केदारनाथ के पहाड़ और मिट्टी में अंतर है। इसलिए दोनों की तुलना कार्य को लेकर एक साथ करना ठीक नहीं है।

अभी तक 849 भवनों में दरारें ,259 परिवार विस्थापित-

अभी तक 849 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई हैं। सर्वेक्षण का कार्य जारी है। गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं। 259 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 867 है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष हैं जिसमें 2190 लोगों और पीपलकोटी में 491 कक्ष में 2205 लोगों की रहने की क्षमता है।

इस मौके पर अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच और निदेशक आईआईटीआर उपस्थित थे।

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